इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Cryptocurrency संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन आफ आफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश करेगी।
बता दें कि संसद का सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा। सरकार आरबीआई की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगी और भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाएगी। संसद के इस सत्र के लिए कुल 26 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी बिल और तीन कृषि कानून को वापस लेने वाला विधेयक शामिल है।रिजर्व बैंक खुद डिजिटल करेंसी लाएगा।
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RBI के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, सभी लोकतांत्रिक देशों को इस पर मिलकर काम करना होगा। साथ ही हमें यह भी कोशिश करनी होगी कि यह (क्रिप्टोकरेंसी) गलत हाथों में ना जाए। ऐसा होने हमारे युवाओं को यह बर्बाद कर सकता है। पिछले साल कोरोना वायरस महामारी की वजह से शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं हो पाया था।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी केंद्रीय बैंकों के नियमन के दायरे में नहीं आती है। ऐसे में किसी वित्तीय प्रणाली के लिए ये बड़ा जोखिम है। इस पर गंभीरता से विचार की जरूरत है। दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। इसमें कई बड़े मुद्दे शामिल हैं। इस पर व्यापक चर्चा की जरूरत है।
भाजपा नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली एक संसदीय समिति ने विभिन्न हितधारकों के साथ क्रिप्टो फाइनेंस और Cryptocurrency के गुण-दोष पर चर्चा की थी।
उस चर्चा में क्रिप्टो एक्सचेंजों के प्रतिनिधियों, ब्लॉक चेन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (BACC), उद्योग निकायों के साथ-साथ शिक्षाविदों और अन्य हितधारकों ने अपने विचार प्रस्तुत किए थे। कई सदस्य क्रिप्टो करेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बजाय इसके बाजार को रेगुलेट करने के पक्ष में थे। समिति की बैठक से कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी क्रिप्टो करेंसी के मुद्दे पर विभिन्न मंत्रालयों और रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की थी।
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