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Ukraine crisis : जब हिमाचल के छात्रों ने 6 किमी भूखे-प्यासे पैदल चलकर पकड़ी ट्रेन

Kumar Anjesh • LAST UPDATED : March 1, 2022, 8:36 pm IST

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इंडिया न्यूज़, शिमला

यूक्रेन (Ukraine) में जंग के बीच फंसे हिमाचली छात्र-छात्राओं के परिजनों की चिंता बढ़ गई है। जैसे-जैसे यूक्रेन-रूस (Ukraine-Rush) के बीच युद्ध तेज हो रहा है, वैसे-वैसे परिजनों का दिल बैठ रहा है।

शिमला की छात्रा अनुष्का कुठियाला, अदिति और मंडी जिला के करसोग के छात्र शिवांश सहित कई छात्र-छात्राएं वहां फंसे हुए हैं। कभी-कभी व्हाट्सएप के जरिये इन विद्यार्थियों की बीच-बीच में परिजनों से बात होती है। छात्र-छात्राओं के अनुसार Ukraine में न खाने को रोटी है और न ही जेब में पैसा बचा है। पानी-बिस्कुट से गुजारा हो रहा है। मदद के इंतजार में 24 फरवरी से ये अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन में छिपे हुए थे। इंतजार से थक-हारकर इन्होंने खुद ही हिम्मत जुटाकर बाहर निकलने की योजना बनाई। मंगलवार सुबह ये सभी अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन से निकले और छह किलोमीटर पैदल चलकर पोलैंड बॉर्डर के समीप लबीब शहर के लिए ट्रेन पकड़ी।  Also Read: Indian Embassy In Ukraine Releases Fresh Advisory : तत्काल प्रभाव से कीव छोड़ें सभी भारतीय

व्हाट्सएप मैसेज में इन छात्र-छात्राओं ने बताया है कि 13 घंटे बाद लबीब पहुंचेंगे। अनुष्का के पिता राजीव कुठियाला और माता गीता कुठियाला ने बताया कि अभी तो संपर्क हो पा रहा है, मगर बच्चों का वतन लौटने का रास्ता इतना आसान नहीं है। लबीब में सुबह छह बजे ट्रेन पहुंचेगी। उसके बाद बच्चों को यह भी मालूम नहीं कि आगे उन्हें कैसे जहाज मिलेगा। अनुष्का और उसके साथ चल रहे बच्चों के पास पैसे भी नहीं हैं। 24 फरवरी को उन्होंने अंतिम बार एटीएम से पैसे निकाले थे। अभिभावकों का कहना है कि अब तक इन बच्चों को भारतीय दूतावास यूक्रेन की ओर से कोई मदद नहीं मिली है।

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