इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
भारतीय सेना को एक ऐसा टैंक मिलने वाला है जो दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के अलावा कई हजार किमी ऊंचाई पर दुश्मन को करारा जवाब देने में सक्षम होगा। ‘जोरावर’ नाम का यह टैंक है और सेना इसकी खरीदारी करने जा रही है। यह टैंक मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस है और हर मौसम में दुश्मन के दांत खट्टे कर सकता है। भारत के खिलाफ अक्सर साजिश रचने वाले पड़ोसी मुल्क चीन व पाकिस्तान को भारतीय सेना इसके जरिये कड़ा जवाब दे सकेगी।
सेना ने उत्तरी सीमा पर चीन के साथ सैन्य गतिरोध और भविष्य की चुनौतियों व जगं के मद्देनजर जोरावर टैंक को खरीदने का निर्णय लिया है। पूर्वी लद्दाख में चीन साथ दो वर्ष से भी ज्यादा समय से गतिरोध जारी है और इस दौरान सेना ने मौजूदा टैंकों से भी चीन को करारा जवाब दिया है। हालांकि, भारतीय सेना को उस दौरान जोरावर जैसे हल्के और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस व मजबूत टैंक की कमी बहुत ज्यादा खली है। जोरावर टैंक को दुर्गम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है और इन्हें तुरंत तैनात किया जा सकता है।
बता दें कि चीन की सेना पहले ही जोरावर जैसे हल्के टैंकों से लैस है। इसे देखते हुए भारतीय सेना भी इस कमी को धीरे-धीरे दूर करने का प्रयास कर रही है। चीन व पाकिस्तान के दो मोर्चों से भविष्य के खतरों, इनसे एक साथ पैदा होने वाली चुनौतियों के अलावा दुनिया भर में विभिन्न जगहों पर चल रहे सैन्य संघर्षों की सेना गहनता से स्टडी कर रही है।
इसी आधार पर सेना भविष्य के खतरों व सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए दूरगामी रणनीति के तहत तैयारी कर रही है। यही देखते हुए ‘जोरावर’ टैंक के साथ-साथ भारतीय सेना ैंक रोधी निर्देशित मिसाइल, स्वार्म ड्रोन, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस फ्यूचर रेड़ी कॉम्बेट व्हीकल और मैकेनाइज्ड इंफेन्ट्री की क्षमता विकसित करने पर भी सेना विशेष ध्यान दे रही है।
रक्षा सूत्रों के अनुसार सरकार ने सेना को ‘जोरावर’ टैंक को खरीदने के लिए हरी झंडी दे दी है। सेना ने इसका डिजायन भी तैयार कर लिया है। इन टैंकों की रक्षा खरीद प्रक्रिया 2020 की मेक इन इंडिया श्रेणी के अंतर्गत आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा के मद्देनजर की जाएगी। घरेलू रक्षा उद्योग से संपर्क कर सेना की ओर से डिजायन टैंक बनाने को कहा गया है। जोरावर टैंक भौगोलिक क्षेत्रों व सेना की आवश्यकताओं के अनुरूप तो होगा ही, इसी के साथ यह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी जैसे ड्रोन, खतरों को भांपने की प्रौद्योगिकी के अलावा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस व बचाव प्रणाली से भी लैस होगा।
सूत्रों के अनुसार थल सेना के लिए जोरावर टैंक सबसे प्रमुख हथियार है। इसकी खासियत यह है कि इसके बल पर लड़ाई का रुख बदला जा सकता है। बदले हालात में ऐसे टैंक की वर्तमान में जरूरत है। सैन्य अधिकारियों का कहना है जो दुश्मन और हथियार दिखता है उससे बचा जा सकता है, पर अदृश्य व अचानक होने वाले हवाई खतरों से बचाव के लिए जोरावर जैसे टैंकों का होना जरूरी है। सेना चाहती है कि ‘जोरावर’ उसके पास मौजूद सभी टैंकों का मिश्रण हो जो भले हल्का हो, पर मजबूती में उसका कोई मुकाबला न हो।
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