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India News (इंडिया न्यूज़), Gorakhpur news: फर्श से अर्श तक का सफर तय करने में उन्होंने काफी संघर्ष किया। कॅरिअर की शुरुआत उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में नमकीन-स्नैक्स बेचने से की थी। अपनी लैंब्रेटा स्कूटर पर जया प्रोडक्ट के नाम से स्नैक्स बेचते थे। साल 1978 में गोरखपुर में एक छोटे से ऑफिस में सहारा समूह की शुरूवात की थी।
श्री सुब्रत रॉय के जीवन की कहानी बेहद ही दिलचस्प है। फर्श से अर्श तक का सफर तय करने में उन्होंने काफी संघर्ष किया। कॅरिअर की शुरुआत गोरखपुर में नमकीन-स्नैक्स बेचने से की। अपनी लैंब्रेटा स्कूटर पर जया प्रोडक्ट के नाम से स्नैक्स बेचते।
वर्ष1978 में गोरखपुर में एक छोटे से ऑफिस में सहारा समूह की शुरूवात की थी । सुब्रत रॉय के नेतृत्व में, सहारा ने कई बिज़नेस में विस्तार किया। सुब्रत रॉय का साम्राज्य फाइनेंस, रियल एस्टेट, मीडिया और हॉस्पिटैलिटी से लेकर अन्य सेक्टर्स में फैला। कामयाबी के शिखर पर पहुंचने के बाद भी कभी पुराना समय नहीं भूले। गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जीवन के तमाम अनुभव सार्वजनिक किए थे।
18 अप्रैल 2013 को गोरखपुर क्लब में आयोजित सम्मान समारोह में सुब्रत रॉय आए थे जिसमें बेबाकी से अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को सबके सामने रखा था। गोरखपुर कर्मस्थली रही और यहां की हर गलियो से वाकिफ हूं। पढ़ा-लिखा और कारोबार की शुरुआत यहीं से की। शहर के कनक हरि अग्रवाल बताते हैं कि उस कार्यक्रम में वह भी शामिल थे। सहारा श्री ने कहा था कि स्कूटर से घूमने और नॉन बैकिंग की शुरुआत गोरखपुर से की थी।
रॉय का जन्म बिहार में हुआ हो, लेकिन उन्होंने अपने कारोबार की शुरुआत गोरखपुर से की थी। शुरुवाती दिनों में वह स्कूटर पर चला करते थे। वह अपने करीबी 13 दोस्तों को कभी नहीं भूले जिन्होंने उनकेहर बुरे समय में साथ दिया। जब वह करोड़ों के मालिक बने तो उन्होंने सभी पुराने दोस्तों को अपने साथ जोड़ा और कंपनी में बड़ा पद दिया।
कुछ साल पहले तक वे भारत के चुनिंदा उद्योगपतियों में सुमार थे। “सहारा श्री” के नाम से मशहूर, सुब्रत रॉय सहारा की पैठ हर क्षेत्र में थी, फिर उनके सामने क्या तमाम नेता व अभिनेता, उनके चक्कर काटते थे।
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