रोहित रोहिला, Punjab News। Sidhu Moosewala murder case : गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में मास्टरमाइंड माने जाने वाले लारेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) को सुबह साढ़े 3 बजे पंजाब पुलिस (Punjab Police) मानसा लेकर पहुंच गई। जहां लारेंस का मेडिकल करवाने के बाद पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया। अदालत ने लारेंस को 7 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। लेकिन पंजाब पुलिस ने लारेंस को पूछताछ के लिए मानसा में नहीं रखकर खरड़ के सीआईए हेडक्वार्टस (CIA Headquarters Kharar) में पूछताछ करना ही उचित समझा और बाद में उसे लेकर खरड़ पहुंच गई। जहां पुलिस ने लारेंस से पूछताछ की।
पुलिस के पास ऐसे कई सवाल है जिसका जानना पुलिस के लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि इन सवालों के जवाब के बाद ही इस हत्या की गुत्थी पूरी तरह से सुलझेगी। लेकिन अभी पूछताछ जारी है और पुलिस की टीम एक के बाद एक कर लारेंस के सामने कई सवाल दाग रही है।
बिश्नोई को कड़े सुरक्षा प्रबंध में मानसा पुलिस 8 बजकर 20 मिनट पर सीआईए खरड़ लेकर पहुंची थी। लारेंस को खरड़ सीआईए लाने से पहले पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर दिए थे। चारों तरफ बेरीगेटस कर दी थी। भारी पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद थी।
पंजाब पुलिस के सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने लारेंस से उसके शूटर कहे जाने वाले एक आरोपी के सामने बिठाकर करीब 3 घंटे तक पूछताछ की। इस शूटर को पुलिस एक दिन पहले ही मोहाली ले लाई थी। पुलिस इस शूटर को मोगा जेल से प्रोडेक्शन वारांट पर लेकर आई थी।
लारेंस से पूछताछ के दौरा मानसा के डीएसपी एवं एंटी गैगेंस्टर टास्क फोर्स के अधिकारियों ने पूछताछ की। इसके अलावा कुछ अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिस लारेंस के जवाबों से संतुष्ट नहीं है।
पुलिस को लारेंस का मानसा में जान का खतरा नजर आ रहा था। जिसके बाद पुलिस ने उसे खरड़ लेकर आना ही बेहतर समझा। ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि मानसा में सिद्धू मूसेवाला के फैन फालोवर काफी ज्यादा है, जिस कारण लारेंस की जान को खतरा हो सकता है। इसके अलावा दूसरे गैंग से भी लारेंस को खतरा है। ऐसे में पुलिस उसकी सुरक्षा को लेकर भी काफी चिंतित है क्योंकि पुलिस दिल्ली की अदालत को लारेंस की सुरक्षा को लेकर भरोसा देकर आई है।
लारेंस को जिस काफिले में लाया गया उसमें 34 वाहन बताए जा रहे है। मीडिया का ध्यान भटकाने की भी काफी कोशिश की गई। एक वाहन में मोगा से लाए गए शूटर को बिठाकर आगे जाकर पुलिस ने वाहनों के काफिले को तीन हिस्सों में बांट दिया।
पुलिस को ऐसा इसलिए भी करना पड़ता है क्योंकि अगर कोई वाहनों का पीछाकर रहा हो तो उसे कंफ्यूज करने के लिए वाहनों के काफिले को कई हिस्सों में बांट दिया जाता है। इसके बाद लारेंस बिश्नोई को दूसरी गाडियों में किसी गुप्त स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि लारेंस अब भी सीआईए स्टाफ खरड़ में ही मौजूद है।
पुलिस को लारेंस से कई सवालों के जवाब चाहिए। क्योंकि मूसेवाला की हत्या के बाद पुलिस द्वारा कहा गया था कि हत्या में अलग-अलग हथियारों का इस्तेमाल हुआ है।
पुलिस को यह भी जानना है कि हत्यारों के पास आधुनिक हथियार कहां से आए। यह हथियार शूटरों तक कैसे पहुंचे। और इन हथियारों को कहां से मंगवाया गया था।
इसके अलावा इस हत्या मामले में पुलिस को यह भी पता लगाना है कि हत्या के पीछे कुछ और कारण तो नहीं है। ऐसे ही सवालों की पुलिस के पास एक लंबी फेहरिस्त है।
बिश्नोई के खिलाफ पहले से दर्ज केसों को देखते हुए माना जा रहा है कि अब यह अपराधी वापस तिहाड़ जेल (Tihar Jail) नहीं लौट सकेगा। पंजाब पुलिस को अधिकारियों ने बिश्नोई के पिछले सभी केसों को भी खोलने की तैयारी शुरू कर दी है, जिनमें उसे मूसेवाला केस के बाद फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
यह भी तय है कि पंजाब पुलिस अब किसी हालत में लारेंस बिश्नोई को बचकर निकलने नहीं देगी, क्योंकि पहले से दर्ज मामलों में राज्य पुलिस ने कई बार बिश्नोई को ट्रांजिट वारंट (transit warrant) पर लेने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी।
मूसेवाला हत्याकांड (Sidhu Moosewala murder case) के अलावा बिश्नोई पर पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में 36 केस दर्ज हैं, जिनमें पंजाब पुलिस समेत संबंधित प्रदेशों की पुलिस बिश्नोई को रिमांड पर लेने की तैयारी किए बैठी हैं।
पुलिस रिकार्ड के अनुसार, पंजाब में बिश्नोई पर 17 केस दर्ज हैं और चंडीगढ़ में सात केस। पंजाब पुलिस बाकी 17 मामलों में बिश्नोई को बारी-बारी से फिर रिमांड पर ले सकती है। यह 17 केस फरीदकोट, मुक्तसर, फाजिल्का, मोहाली, अमृतसर आदि जिलों में दर्ज हैं।
पुलिस ने उसका दो बार प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देकर उसे पंजाब पुलिस के हवाले नहीं किया गया था।
लारेंस के खिलाफ चंडीगढ़ में भी 7, हरियाणा में 2, राजस्थान में 6 और दिल्ली में 4 केस दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि बिश्नोई ने जेल में रहते हुए ही अपना नेटवर्क फैलाया और जेल में बंद हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के अपराधियों को साथ लेकर इन प्रदेशों में अपना नेटवर्क मजबूत किया। उसे पहले राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
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