India News (इंडिया न्यूज), Amit Shah in Jodhpur: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को जोधपुर में देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की पहली प्रतिमा का अनावरण किया। इसके लिए सर्किट हाउस के बाहर एक विशेष समारोह आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, मंत्री जोगाराम पटेल, स्थानीय विधायक और पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल का जोधपुर से गहरा नाता था। अगर वे नहीं होते तो आज जोधपुर शायद पाकिस्तान का हिस्सा होता।
इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सरदार पटेल को कभी सम्मान नहीं दिया। साथ ही यह भी सच है कि अगर सरदार पटेल नहीं होते तो देश की रियासतों का एकीकरण संभव नहीं हो पाता। उन्होंने ही गुजरात के साथ राजस्थान की जोधपुर जैसी रियासतों का भारत में विलय कराया था। इसके साथ ही उन्होंने जोधपुर के हवाई मार्गों का रणनीतिक विकास किया और यहां के महाराजा को विलय के लिए राजी किया।
खैर, यह भी सच है कि सरदार पटेल के साथ किसी ने न्याय नहीं किया। भाजपा के सत्ता में आने से पहले उन्हें सम्मान नहीं दिया गया। कांग्रेस पार्टी में सिर्फ़ एक परिवार को सम्मान दिया गया, जबकि सरदार पटेल ने आज़ादी के समय भारत के टुकड़े होने की चर्चिल की भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर बनवाया था। उस समय उन्होंने कहा था कि देश के सभी तीर्थ स्थलों और मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा, लेकिन कांग्रेस की मानसिकता के कारण 75 साल तक अयोध्या में मंदिर नहीं बन सका। सरदार पटेल अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे। वे कॉमन सिविल कोड लागू करना चाहते थे। वहीं, उनके अधूरे काम को मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में पूरा किया है। आज अनुच्छेद 370 खत्म हो चुका है। कश्मीर आज भारत का अभिन्न अंग बन चुका है। उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड लागू हो चुका है। आज दुनिया का सबसे बड़ा स्मारक उनके नाम पर है।