India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: प्रदेश में नगर पालिकाओं के 7 वार्डों में उपचुनाव की प्रक्रिया जोरों पर है नामांकन और नाम वापसी की तारीख खत्म हो चुकी है और अब 9 जनवरी को मतदान होगा। मतगणना 10 जनवरी को की जाएगी। कुल आठ नगर पालिकाओं में उपचुनाव होने थे, लेकिन जोधपुर की पीपाड़ नगर पालिका में मतदाता सूची तैयार नहीं होने के कारण वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
बीजेपी का मुस्लिम चेहरों पर फोकस
इन उपचुनावों में दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है। इन वार्डों में प्रचार तेज हो चुका है, और प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इन उपचुनावों में कांग्रेस और बीजेपी के अलावा निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों के प्रत्याशी भी मैदान में हैं। बीजेपी ने इस बार कुछ नगर पालिकाओं में मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारकर सभी का ध्यान खींचा है। चित्तौड़गढ़ के कपासन और झालावाड़ में बीजेपी ने क्रमशः रूबीना बानो और सिकंदर को उम्मीदवार बनाया है। यह कदम राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। जहां एक ओर इसे बीजेपी की नई रणनीति बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसे “चुनावी मजबूरी” के रूप में देखा जा रहा है। इन दोनों वार्डों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है, जिसके चलते बीजेपी ने यह फैसला लिया। हालांकि, इस कदम को लेकर कांग्रेस ने इसे “बीजेपी का दिखावटी मुस्लिम प्रेम” करार दिया है।
किन सीटों पर है चुनाव और कौन हैं प्रत्याशी?
इन सात नगर पालिकाओं के वार्डों में चुनाव होने हैं:
-बांसवाड़ा (कुशलगढ़):प्रमिला (बीजेपी)
-चित्तौड़गढ़ (कपासन): रूबीना बानो (बीजेपी)
-दौसा (दौसा):भूपेंद्र सैनी (बीजेपी)
-जयपुर (फुलेरा):महावीर प्रसाद जैन (बीजेपी)
-झालावाड़ (झालावाड़):सिकंदर (बीजेपी)
-सवाई माधोपुर (सवाई माधोपुर): हरिबाबू जीनगर (बीजेपी)
-सीकर (रींगस):** सुभाष कुमावत (बीजेपी)
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अध्यक्ष पद के चुनाव भी होंगे
कुशलगढ़ और रींगस में अध्यक्ष पद का भी चुनाव होगा। इसके लिए 13 और 14 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया होगी, 16 जनवरी को नाम वापसी की अंतिम तारीख है। मतदान 20 जनवरी को होगा और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे। इन सात वार्डों में से वर्तमान में पांच पर कांग्रेस और दो पर बीजेपी का कब्जा है। कांग्रेस के पास इन सीटों को बरकरार रखने का दबाव है, जबकि बीजेपी के लिए यह मौका अपनी स्थिति मजबूत करने का है।
मुकाबले पर नजर
इन चुनावों में स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति के असर को भी देखा जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही दल, इन चुनावों को आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी शक्ति प्रदर्शन के रूप में देख रहे हैं। 9 जनवरी को मतदान और 10 जनवरी को आने वाले परिणाम इस सियासी मुकाबले की तस्वीर को और साफ करेंगे।
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