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India News (इंडिया न्यूज), Aus vs Ind 5th Test Sydney: सिडनी टेस्ट से पहले यह खबर या रही थी कि कप्तान रोहित शर्मा सिडनी टेस्ट में नहीं खेलेंगे। और जब टेस्ट मैच शुरू हुआ तो यही हुआ भी। सवाल यह है कि क्या कप्तान रोहित शर्मा को प्लेइंग इलेवन से ‘ड्रॉप’ किया गया या वो खुद ही बाहर बैठ गए..? वहीं टॉस के वक्त जसप्रीत बुमराह ने कहा कि ‘हमारे कप्तान सेल्फलेस होकर खुद को टीम से बाहर किया है।’ हैरानी तब और बढ़ गई जब सिडनी टेस्ट की पूर्व संध्या पर कप्तान रोहित शर्मा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं दिखे और कोच गंभीर ने पत्रकारों के सवालों का सख्ती से सामना किया।
उनसे पूछा गया कि मैच से पहले कप्तान प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्यों नहीं आए, जबकि आमतौर पर कप्तान ही आते हैं और क्या वह प्लेइंग इलेवन में होंगे? अब इस सवाल के जवाब के शब्द देखे जा सकते हैं, जिससे गंभीर के तेवर का पता चलता है। गंभीर ने कहा था, ‘रोहित ठीक हैं। मुझे नहीं लगता कि परंपरा जैसी कोई चीज होती है। हेड कोच यहां हैं और यही काफी होना चाहिए।’ गंभीर ने साफ कहा कि टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है और टीम में बने रहने के लिए प्रदर्शन ही एकमात्र मापदंड है। और यहीं रोहित धोखा खा गए और उन पर ऐसा दबाव हावी हुआ कि इससे बच पाना मुश्किल हो गया।
इसके बाद खबरें आईं कि सिडनी में गुरुवार दोपहर भारत के हेड कोच गौतम गंभीर बुमराह को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) की बीच पिच पर ले गए। कुछ मिनट बाद रोहित शर्मा भी दोनों के साथ शामिल हुए, लेकिन कोच और कप्तान के बीच बमुश्किल ही कोई बातचीत हुई। इसके बाद गंभीर प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे (जिसमें आमतौर पर कप्तान शामिल होते हैं)। तब उन्होंने 5वें और अंतिम टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन में रोहित की जगह पक्की न करने का फैसला किया।
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यानी इसके संकेत पहले से ही काफी थे, लेकिन गुरुवार को जो हुआ, उसने इसे पूरी तरह से साफ कर दिया। खराब फॉर्म से जूझ रहे रोहित शर्मा को कोच गौतम गंभीर की योजनाओं में शामिल नहीं किया गया। क्योंकि पिछले 9 टेस्ट मैचों में उनका बल्लेबाजी औसत 10.93 रहा है। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में उन्होंने सिर्फ 6.2 की औसत से बल्लेबाजी की।
यह भी पता चला कि गुरुवार को ट्रेनिंग के बाद हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि रोहित शर्मा को आराम दिया जाएगा, जिसका भारतीय क्रिकेट भाषा में मतलब होता है ‘नोटिस देकर बाहर कर दिया जाना’। उस दिन करीब 45 मिनट से एक घंटे के बाद ज्यादातर खिलाड़ी मेन गेट से बाहर निकले और टीम बस की ओर बढ़ गए। रोहित टीम के साथ नहीं आए और दूसरे गेट से निकलकर बस में चढ़ गए… यह दर्शाता है कि उन्होंने खुद बाहर होने का फैसला नहीं किया बल्कि उन्हें टीम से ड्रॉप किया किया गया था।
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