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राजकुमार शर्मा, नई दिल्ली:
Batting First Requires Big Score: इन दिनों यूएई में चल रहे टी20 वर्ल्ड कप में टॉस बहुत ही अहम हो गया है। टॉस जीतने वाली टीमें पहले फील्डिंग करने का फैसला ले रही हैं और यही उनके पक्ष में जा रहा है। दरअसल यूएई की कंडीशंस में पहले गेंदबाजी करना थोड़ा आसान है। बाद में ओस की वजह से गेंदबाजों को गेंद पर पकड़ बनाने में परेशानी हो रही है। न सिर्फ फिंगर्स स्पिनर्स को बल्कि कलाइयों के इस्तेमाल से गेंद को स्पिन कराने वालों को और भी ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प है कि टॉस हारने वाला कप्तान हार से कैसे बच सकता है।
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मेरे ख्याल से पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम 175 प्लस का स्कोर खड़ा करें। पॉवरप्ले में कम से कम विकेट खोये और स्कोरबोर्ड पर इस दौरान करीब 55 का स्कोर बनाये जिससे टीम को बड़ा स्कोर खड़ा करने में मदद मिलेगी। उसके बाद शुरू होगा कड़े इम्तिहान का दौर। गेंदबाजों के लिए बाद में गेंदबाजी करना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। इसके लिए यह जरूरी है कि फील्डर्स शानदार फील्डिंग करके अपने गेंदबाजों को अच्छा सहयोग दें। उनके सहयोग से ही इस समस्या से निपटा जा सकता है।
यजुवेंद्र चहल को इस वर्ल्ड कप के लिए न चुना जाना आश्चर्यजनक है। उन पर टीम ने लम्बा निवेश किया है। वह ऐसी स्थितियों में अपने अनुभव का इस्तेमाल करके इस चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर सकते थे। इन कंडीशंस में कलाई के स्पिनरों को ज्यादा दिक्कतें आ सकती हैं। उंगलियों का इस्तेमाल करने वाले स्पिनरों को गेंद को ग्रिप करने में परेशानी आती है। इस परेशानी से बचा नहीं जा सकता। सिवाय इसके कि फील्डर फील्ड पर शानदार सहयोग करें। जो तेज गेंदबाज हैं, वे रफ्तार के साथ-साथ स्लोअर और कटर का इस्तेमाल करें।
स्पिनर क्रीज का ज्यादा इस्तेमाल करके अपनी गेंदबाजी में विविधता ला सकता है। साथ ही वह गति परिवर्तन करके और फ्लाइट में बदलाव करके भी बड़ा अंतर पैदा कर सकता है। मुझे लगता है कि टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ रविवार को होने वाले मुकाबले के लिए शार्दुल ठाकुर को भुवनेश्वर कुमार पर तरजीह दे सकती है क्योंकि वह कटर का अच्छा इस्तेमाल करते हैं और साथ ही निचले क्रम में तेज रन भी बना सकते हैं।
(लेखक विराट कोहली के कोच होने के अलावा द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हैं)
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