India News ( इंडिया न्यूज़ ),Cricket World Cup 2023: एक रवायत है कि ख़्वाब और अल्फ़ाज़ कभी अधूरे नहीं छोड़े जाते। सो वादे के मुताबिक़ पूरा कर रहा हूं। रोहित तुमने अपना वादा पूरा किया है। क्या हुआ जो एक दिन ख़राब रहा, क्या हुआ जो एक मैच हार गए। देखो ना, निगाहें बिछाए आज भी तुम्हारा भारत तुम्हें और टीम को सलाम कर रहा है। ना, नहीं, तुम रोते हुए अपने आंसू मत छिपाना और सुनो ना विराट- तुम्हें अपने आंसू छिपाने के लिए नीली कैप का सहारा लेने की ज़रूरत नहीं। सिराज तुम भी फूट फूट कर मत रोना। टीम इंडिया जिगरेवाली है, उसे रोने का हक़ है, पर आंसू छिपाने की ज़रूरत नहीं।
शानदार खेलकर एक मैच हार गए तो क्या हुआ, तुम रोओगे तो हम हिंदुस्तानी हैं ना तुम्हारे अश्क़ की बूंदें अपने कपड़ों में जज़्ब करने के लिए। 46 दिन के विश्वकप में तुमने हम भारतवासियों को 45 दिन गर्व के दिए हैं, हम हैं ना तुम्हारे आंसू संभालने को। अरे नीली जर्सी के जांबाज़ जुनूनी जबराट जिगरवाले जियाले, तुम वो हो जिसने 45 दिन किसी को ख़ुद पर जीत हासिल नहीं करने दी, तुम वो हो जिसने क्रिकेट को वीर रस में डुबोकर हमें 45 दिन ज़िंदा रखा।
रोहित, विराट, शमी, शुभमन, श्रेयस, सिराज, बुमराह मैं 19 नवंबर भूल जाऊंगा, तुम भी भूल जाना। भूल जाना ज़रूरी है किसी बुरे दिन से निकलने के लिए। 1975 के पहले विश्वकप में भारत ने सिर्फ़ एक मैच जीता था, मैं भूल गया तभी तो आज चैंपियन टीम इंडिया को चीयर अप करता हूं। 1979 के दूसरे विश्वकप में हिंदुस्तान की टीम एक जीत के लिए तरस गई, मैं भूल गया तभी तो 1983 में लॉर्ड्स की बालकनी में कपिल देव के हाथ में वर्ल्ड कप देख कर क्रिकेटर तक बनने का अधूरा ख़्वाब पाल डाला था।
अरे मेरे बैट बॉल के बाहुबली, मैं तो 1996 विश्वकप में विनोद कांबली के आंसू से लेकर क्रिकेट के भगवान की मायूसी भी भूल गया। 2003 में दादा की दिलेरी, दमदारी के बाद फ़ाइनल की हार भी भूल गया, भूल गया तभी तो माही की कप्तानी में 2007 और 2011 विश्वकप जीत का जश्न मना सका था मैं।
मैं बस विराट का वैभव और शमी के गेंद की शमशीर याद रखना चाहता हूं। मैं शुभमन, श्रेयस का विस्फोट याद रखना चाहता हूं। अनुष्का, तुम्हारा हमारा विराट वाक़ई विराट है इसलिए तुम्हें रोने की ज़रूरत नहीं। 3 शतक, 6 अर्धशतक लगाने वाला कोहली किंग है, इसलिए अनुष्का ख़ुद के जिस्म में पल रही नई ज़िंदगी को बताना कि उसके पापा ने भारत का मान मस्तक ऊंचा किया है।
सिराज तुम्हारे नाम का मतलब है सूरज, तुम भविष्य के क्रिकेट को रोशन करने वाले सिर्फ़ सिराज ही नहीं सरताज हो। सिराज तुमने तो अपने पिता को ऑटो रिक्शा चलाते हुए देखा है, पसीना बहाओ छा जाओ और आंसुओं से अब पार पाओ। शेर शमी तुम्हारा दिल टूटता है तो तुम रिकॉर्ड तोड़ते हो, आगे भी तोड़ना। तुम्हारा ज़ख़्म गहरा होता है तो तुम उस पर क्रिकेट का मरहम लगाते हो। हार ना मान कर रार ठानने वाले शमी तुम एक बार फिर विकेट चटका कर अपने अंदाज़ में गोला सिर पर घुमाना, मैं अपने रोंगटे खड़े करूंगा।
रोहित, ऐसा नहीं कि मैं सब कुछ भूल जाऊंगा, भूल भी कैसे सकता हूं। क्या शानदार शुरुआत की तुमने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराकर। मैं नहीं भूलूंगा अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, न्यूज़ीलैंज, श्रीलंका, साउथ अफ्रीक़ा, नीदरलैंड और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तुम्हारा अजेय रथ। मैं याद रखूंगा जीत का जज़्बा, जोश, जुनून, ज़िद।
भारत के भाल पर काल के कपाल से तुम्हारी लिखी हर जीत याद रखूंगा मैं। ललाट पर विजय तिलक लगाने वाले जियालों की नीली जर्सी से बही पसीने की हर बूंद की क़ीमत याद रहेगी मुझे। जन गण का मन तुममें रमा रचा बसा है, फिर तानो बल्ला, फिर साधो निशाना। 19 नवंबर को पीछे छोड़ देना, मैं भी छोड़ आऊंगा अपनी उदासी। मैं फिर टीवी से चिपक कर बैठूंगा और इंतज़ार करूंगा 2003 और 2023 के बदले का।
याद रखना टीम इंडिया
“सूरज तेरा चढ़ता ढलता
गर्दिश में करते हैं तारे
दंगल दंगल
धड़कनें छाती में जब दुबक जाती हैं
पीठ थपथपा, उनको फिर जगा
बात बन जाती है”
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