Sultan Zarawani vs Allan Donald: 1996 के विश्व कप में कुछ ऐसा हुआ था, जब हर किसी की सांसे लगभग थम सी गई थीं. इस विश्व कप में रावलपिंडी में साउथ अफ्रीका बनाम यूएई का मुकाबला हुआ था. उस दौरान साउथ अफ्रीका की टीम में खतरनाक गेंदबाज एलन डोनाल्ड हुआ करते थे, जिनकी घातक गेंदबाजी के सामने हर कोई बेबस नजर आता था. एलन की गेंद बल्लेबाजों के नाक-कान के पास से सीटी बजाते हुए निकल जाती थी. उन्हें ‘सफेद बिजली’ (White Lightening) के नाम से भी जाना जाता था.
हालांकि एक खिलाड़ी था, जिसने डोनाल्ड के सामने अपनी बहादुरी का परिचय दिया था. उस खिलाड़ी का नाम है सुल्तान जरावानी. दरअसल, इस मुकाबले में साउथ अफ्रीका की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 2 विकेट के नुकसान पर 50 ओवरों में 311 रन बना दिए. साउथ अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज गैरी कर्स्टन ने रिकॉर्ड तोड़ 188 रनों की नाबाद पारी खेली. इसके बाद यूएई की टीम टारगेट की पीछा करने के लिए उतरी.
साउथ अफ्रीका घातक गेंदबाजी के सामने यूएई की टीम बेबस नजर आ रही थी. साउथ अफ्रीका की ओर से डोनाल्ड, शॉन पोलॉक और क्रेग मैथ्यूज घातक गेंदबाजी कर रहे थे. इसके चलते यूएई की टीम ने सिर्फ 68 रन पर 6 विकेट गंवा दिए. इसके बाद मैच लगभग खत्म होने वाला था. मैदान में बैठे फैंस मैच खत्म होने का इंतजार कर रहे थे. इसी यूएई की कप्तान सुल्तान जरावानी बिना हेलमेट के डोनाल्ड की तेज गेंदबाजी का सामना करने के लिए क्रीज पर आए, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. डोनाल्ड की लाइटनिंग स्पीड से आने वाली गेंद का सामना करना हर किसी के बस की बात नहीं थी. ऐसे में कप्तान के बिना हेलमेट के क्रीज पर हर कोई हैरान और परेशान था. कप्तान जरावानी एक निचले क्रम का बल्लेबाज थे, जिन्होंने सिर्फ एक भूरे रंग की टोपी पहन रखी थी. उस समय तेज गेंदबाज एलन डोनाल्ड अपने पीक पर थे. यह देखकर साउथ अफीकी टीम के ज्यादातर खिलाड़ी, खासकर ऑफ-स्पिनर पैट सिमकॉक्स काफी ज्यादा गुस्से में थे.
इस मुकाबले में एक और दिलचस्प कहानी थी. दरअसल, कप्तान सुल्तान जरावानी एक अमीर आदमी थे, जिनके पास कई महंगी कारें थीं. उन्होंने कथित तौर पर उस टीम के हर क्रिकेटर को मर्सिडीज बेंज देने का वादा किया था, अगर वे इस बड़े टूर्नामेंट में उस दिग्गज टीम को हरा देते. ऐसा कहा जाता है कि जॉन्टी रोड्स ने जरावानी के इस वादे के बारे में सुना था और ब्रेक के दौरान डोनाल्ड को इसकी याद दिला दी.
इसमें कोई शक नहीं था कि कप्तान सुल्तान जरावानी को डोनाल्ड के तीखे बाउंसर का सामना करना था. हालांकि डोनाल्ड का उन्हें चोट पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. एलन डोनाल्ड द्वारा फेंकी गई गेंद बेहद खतरनाक साबित हुई, क्योंकि वह लेंथ पर पिच हुई और जरावानी के चेहरे पर जोर से लगी. इससे जरावानी को गंभीर चोट लग सकती थी, क्योंकि डोनाल्ड ने बिजली की रफ्तार से गेंद फेंकी थी. जरावनी के सिर पर गेंद लगने के बाद लगभग सीधे गेंदबाज के पास वापस आ गई थी. अंपायर स्टीव बकनोर और खुद डोनाल्ड काफी ज्यादा परेशान हो गए थे. कहा जाता है कि बकनोर ने डोनाल्ड से यह भी पूछा कि क्या उन्हें पता है कि जरावानी सिर्फ एक टेल-एंड बल्लेबाज है. इश पर घबराए हुए डोनाल्ड ने बकनोर से कहा, ‘मैं उसे एक और बाउंसर नहीं फेंकने वाला.’ गनीमत रही कि कप्तान जरावानी दोबारा उठे और फिर बल्लेबाजी करने लगे.
एलन डोनाल्ड ने कहा, ‘मैंने बाउंसर फेंकने के बारे में सोचा था, लेकिन यह सुनिश्चित करना था कि गेंद काफी ऊपर से जाए.’ हालांकि ऐसा नहीं हुआ. वहीं, कप्तान जरावानी ने बाद में स्वीकार किया कि डोनाल्ड के सामने हेलमेट के बिना बल्लेबाजी करने ‘बेवकूफी’ थी. इस मुकाबले में जरवानी ने सिर्फ 7 गेंदें खेली, जिसके बाद वह ऑलराउंडर ब्रायन मैकमिलन की गेंद पर आउट हो गए. साउथ अफ्रीका ने यूएई को 169 रनों से करारी शिकस्त दी.
सुल्तान जरावानी यूएई के कप्तान हुआ करते थे, जिन्होंने साल 1993 में आईसीसी ट्रॉफी जीती थी. सुल्तान जरावानी ने शारजाह में ऑस्ट्रेलिया-एशिया के एक मुकाबले में सचिन तेंदुलकर को अपनी जबरदस्त लेग-ब्रेक गेंद से आउट किया था. हालांकि, 1996 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच के बाद, जरावानी का नाम क्रिकेट के इतिहास में उस शख्स के रूप में दर्ज हो गया जिसने सिर्फ एक ढीली टोपी पहनकर डोनाल्ड का सामना करने की बहादुरी दिखाई.
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