Shinkula Pass Tourism: हिमाचल प्रदेश के लाहौल–स्पीति जिले के प्रसिद्ध स्नो प्वाइंट शिंकुला दर्रा में हाल ही में हुई ताज़ा बर्फबारी के बाद पर्यटकों की भारी आवाजाही देखने को मिल रही है. दूर-दराज से पहुंचे सैलानी बर्फ से ढकी वादियों और ऊंचे पहाड़ों के बीच प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर आनंद उठा रहे हैं.
पहली बार दिसंबर में पर्यटक हो रहे आकर्षित
मनाली से लगभग 140 किमी और केलांग से 65 किमी दूर, ज़ांस्कर और लाहौल को जोड़ने वाला यह रणनीतिक दर्रा दिसंबर में पहली बार बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है. दर्रे पर अभी आधे फुट से ज़्यादा बर्फ़ है, और पर्यटक बर्फ़ में मस्ती करते दिख रहे हैं. शिंकू ला के खुलने के बाद घाटी में टूरिज्म बिजनेस करने वाले एक बार फिर आशावादी हो गए हैं.
पर्यटकों की भीड़ देख स्थानीय लोग भी खुश
शिंकूला की ओर जाने वाले सैकड़ों यात्री जिस्पा, गेमर, केलांग, गोंडला और सिस्सू में रात भर रुक रहे हैं, जिससे स्थानीय होटलों, होमस्टे चलाने वालों और बिज़नेस को अच्छी कमाई हो रही है. लाहौल में फोर-बाय-फोर गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर भी लगातार बुकिंग से खुश हैं. मनाली से रोज़ाना लगभग 250 से 300 गाड़ियां शिंकू ला पहुंच रही हैं. टूरिज्म कारोबारी प्रणव, राजेश, ताशी और मंगल ने कहा कि शिंकूला दर्रा लाहौल घाटी में सर्दियों के टूरिज्म के लिए एक नए और मजबूत विकल्प के रूप में उभर रहा है.
पुणे की एक टूरिस्ट तान्या ने कहा कि बर्फ़ से ढके शिंकू ला पहुंचकर ऐसा लगता है जैसे जन्नत में आ गए हों. दिल्ली के मुनीश और जसप्रीत ने कहा कि वे पहली बार इतनी ऊंचाई पर पहुंचे हैं, और पूरा इलाका स्वर्ग जैसा लग रहा है. ज़िला टूरिज्म ऑफिस की इंचार्ज कल्याणी गुप्ता ने कहा कि प्रशासन टूरिस्ट जगहों पर टॉयलेट, पार्किंग और दूसरी बेसिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए तेज़ी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिंकू ला दर्रा भविष्य में सर्दियों के टूरिज्म के लिए एक बड़ा आकर्षण बन सकता है. शिंकूला दर्रे पर पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने दिसंबर में पहली बार लाहौल घाटी में टूरिज्म बिज़नेस को एक नई रफ़्तार दी है.
पर्यटकों में दिखा खासा उत्साह
इन दिनों शिंकुला दर्रा सफेद चादर ओढ़े बेहद मनमोहक दिखाई दे रहा है, जिससे पर्यटकों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. शिंकुला दर्रा में बढ़ती पर्यटक गतिविधियां लाहौल–स्पीति जिले के पर्यटन को नई गति देने में सहायक सिद्ध हो रही हैं. सुरक्षित और सुचारू व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सराहनीय भूमिका रही है. यह जानकारी जिला परिषद सदस्य केलांग कुंगा बोध ने साझा करते हुए संबंधित विभागों का विशेष आभार व्यक्त किया है.