Bahraich Maharajganj Violence Case: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में जिला और सत्र न्यायालय ने गुरुवार को 13 अक्टूबर, 2024 को मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा, आगजनी और रामगोपाल मिश्रा की हत्या के मामले में अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने सरफराज को मौत की सज़ा सुनाई. इसके अलावा, आठ अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई, जबकि एक दोषी को आठ साल की सज़ा मिली. याद दिला दें कि 13 अक्टूबर, 2024 को दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान महाराजगंज बाज़ार में हिंसा भड़क गई थी. हिंसा के दौरान तोड़फोड़ और आगजनी हुई, और रामगोपाल मिश्रा को गोली मार दी गई थी.
किन-किन धाराओं के तहत लगे थे आरोप?
आरोपियों पर BNS (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 191(2), 191(3), 190, 103(2), 249, और 61(2) के साथ-साथ आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत आरोप लगाए गए थे. घटना के बाद, पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित 13 आरोपियों को एक मुठभेड़ में गिरफ्तार किया और उन्हें जेल भेज दिया. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भी कार्रवाई की गई थी. लगभग 13 महीने की सुनवाई और ट्रायल के बाद, आखिरकार राम गोपाल मिश्रा के परिवार को न्याय मिलता दिख रहा है.
मामले में 10 आरोपियों को दोषी ठहराया गया
पिछले बुधवार को, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मामले में अब्दुल हामिद, सरफराज, मोहम्मद तालिब, फहीम, जीशान, मोहम्मद सैफ, जावेद, शोएब खान, ननकाऊ और मारूफ अली सहित 10 आरोपियों को दोषी ठहराया था और सज़ा सुनाने के लिए 11 दिसंबर की तारीख तय की थी. महाराजगंज में रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. सबूतों और गवाहों की गवाही के आधार पर इस मामले में एक बड़े फैसले की उम्मीद थी. घटना के बाद से लोग कोर्ट की कार्यवाही पर करीब से नजर रखे हुए थे.