NEET aspirant Murder Gorkhpur: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल छत्रधारी गांव के टोला महुआ चाफी में सोमवार देर रात एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया. 19 वर्षीय दीपक गुप्ता, जो मेडिकल की पढ़ाई के लिए नीट परीक्षा की तैयारी कर रहा था, पशु तस्करों की हैवानियत का शिकार बन गया। विरोध करने पर तस्करों ने बेरहमी से उसकी हत्या कर दी. इस वारदात ने पूरे गांव को मातम और गुस्से की आग में झोंक दिया.
क्या हैं पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, दीपक गुप्ता गांव में पशु तस्करों की गतिविधियों का विरोध कर रहा था. देर रात तस्करों ने न केवल उसके सिर पर वार करके जान ले ली, बल्कि हैवानियत की हदें पार करते हुए दीपक के खून से सने कपड़ों में उसकी तस्वीर खींचकर उसी के मोबाइल से व्हाट्सएप स्टेटस पर डाल दी. यह तस्वीर परिजनों और दोस्तों तक पहुंचते ही गांव में आक्रोश फूट पड़ा.
मातम में डूबा परिवार
मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद जब दीपक का शव एंबुलेंस से गांव लाया गया तो परिवार का दर्द दिल दहला देने वाला था. मां सीमा गुप्ता बार-बार बेहोश हो रहीं थीं, छोटे भाई सुरेंद्र का रो-रोकर बुरा हाल था. पिता दुर्गेश गुप्ता, जो कंपाउंडर का काम करते हैं, बेसुध होकर बार-बार सिर्फ एक ही बात कह रहे थे कि मेरा दीपक मुझे छोड़कर क्यों चला गया, उसने तो डॉक्टर बनने का सपना देखा था.
शाम करीब पांच बजे पूरे गांव की मौजूदगी में दीपक का अंतिम संस्कार किया गया. पिता ने कांपते हाथों से बेटे को मुखाग्नि दी तो हर आंख नम हो गई. रिश्तेदार और ग्रामीण चिता के पास गिर पड़े और बेसुध होकर रोते रहे. गांव की गलियों में सिर्फ सन्नाटा और मातम पसरा रहा.
आक्रोशित ग्रामीणों का उबाल
दीपक की हत्या के बाद ग्रामीणों का गुस्सा बेकाबू हो गया. लोगों ने तस्करों की गाड़ी फूंक दी और एक आरोपी को पकड़ लिया. सुबह होते-होते गोरखपुर-पिपराइच मार्ग के भट्ठा चौराहे पर ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी. पुलिस के पहुंचने पर नारेबाजी और धक्का-मुक्की हुई, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई. आक्रोशित भीड़ ने पथराव कर दिया, जिसमें एसपी नार्थ, पिपराइच थानेदार सहित सात पुलिसकर्मी घायल हो गए.
गांव की महिलाओं का गुस्सा सबसे ज्यादा देखने को मिला. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अगर समय रहते कार्रवाई करती तो दीपक की जान बच सकती थी. सुरक्षा बलों के गांव पहुंचने पर भी महिलाओं ने पथराव किया और पुलिस को भागना पड़ा. उनका कहना था कि अब उनके बच्चों की जान सुरक्षित नहीं है और पुलिस सिर्फ तमाशबीन बनी हुई है.
प्रशासन की कार्रवाई
गांव की नाजुक स्थिति को देखते हुए पूरे इलाके को छावनी में बदल दिया गया. बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी जवान तैनात किए गए। वहीं, दीपक के पिता दुर्गेश गुप्ता की तहरीर पर हत्या, अपहरण, डकैती का प्रयास, हत्या का प्रयास, गोवध और पशु क्रूरता समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया. मामले में लापरवाही के आरोप में जंगल धूषण चौकी प्रभारी ज्योति नारायण तिवारी समेत कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.