Indian Railway Reservation System
Indian Railways: भारत जैसे विशाल देश में ट्रेन का सफ़र हर आम और ख़ास व्यक्ति की ज़िंदगी का हिस्सा है. चाहे गाँव का किसान हो, शहर का व्यापारी हो या फिर किसी दफ़्तर में काम करने वाला कर्मचारी, ट्रेन हर किसी की पहली पसंद होती है क्योंकि यह न सिर्फ़ सस्ती होती है बल्कि लगभग हर जगह पहुँच भी जाती है. आपने भी कभी न कभी ट्रेन से सफ़र ज़रूर किया होगा.
हालांकि, अक्सर लोगों के मन में सवाल आते हैं कि एक ट्रेन में कितनी सीटें होती हैं, कितनी सीटों पर आरक्षण मिलता है और किस बोगी में कितनी सीटें होती हैं. वहीं, भारतीय रेलवे में रोज़ाना लाखों लोग सफ़र करते हैं और इसके लिए रेलवे को हर बर्थ, हर कोटा और हर सुविधा का ध्यान रखना पड़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि एक ट्रेन में कितनी सीटें आरक्षित होती हैं.
भारतीय रेलवे रोज़ाना लगभग 2.3 करोड़ यात्रियों को सफ़र कराता है। इतनी बड़ी संख्या में सीटें बुक करने के लिए सीटों का वर्गीकरण और कोटा तय किया गया है. ट्रेन में कुछ डिब्बे आरक्षित होते हैं, जैसे एसी और स्लीपर, और कुछ अनारक्षित होते हैं, जैसे जनरल. हर तरह के कोच में सीटों की संख्या अलग-अलग होती है। औसतन एक ट्रेन में 1000 से 1100 सीटें आरक्षित की जा सकती हैं. अगर ट्रेन में ज़्यादा कोच हैं, तो यह संख्या 1500-2000 तक हो सकती है. अगर किसी ट्रेन में 2 कोच फर्स्ट एसी (1A), 2 कोच सेकंड एसी (2A), 4 कोच थर्ड एसी (3A), 6 कोच स्लीपर क्लास (SL) और 2 कोच चेयर कार (CC) हैं, तो हर कोच में लगभग 24 बर्थ होती हैं, यानी फर्स्ट एसी के दोनों कोच में कुल 48 लोग आरक्षण लेकर यात्रा कर सकते हैं. जबकि, सेकंड एसी कोच में लगभग 54 बर्थ होती हैं. सेकंड एसी में कुल 108 यात्री बुकिंग कराकर आराम से यात्रा कर सकते हैं.
इसके अलावा, थर्ड एसी (3A) कोच में लगभग 72 बर्थ होती हैं। थर्ड एसी के चार कोच में कुल 288 लोग आरक्षित बुकिंग में आ सकते हैं और स्लीपर कोच में भी 72 बर्थ होती हैं. यानी स्लीपर क्लास में कुल 432 लोग आरक्षित सीटों के साथ यात्रा कर सकते हैं. अब अगर इन सभी डिब्बों की सीटों को जोड़ दें, तो हज़ारों लोग आरक्षित टिकट लेकर एक ट्रेन में यात्रा कर सकते हैं.
एक PNR पर अधिकतम 6 यात्रियों के टिकट बुक किए जा सकते हैं। अगर एक यात्री की सीट कन्फर्म है और बाकी वेटिंग लिस्ट में हैं, तो भी पूरी टीम यात्रा कर सकती है. वहीं, रेलवे ने आरक्षित कोच में भीड़ न हो, इसके लिए कुछ नियमों में बदलाव किया है, जैसे अगर स्लीपर कोच में 72 बर्थ हैं, तो अधिकतम 18 वेटिंग टिकट जारी किए जाएँगे. भारतीय रेलवे में रोज़ाना लाखों लोग यात्रा करते हैं, और इसके लिए रेलवे को हर बर्थ, हर कोटे और हर सुविधा का ध्यान रखना पड़ता है. ऐसे में अगर आप जल्दी बुकिंग करा लें और अपना कोटा सही से चुनें, तो यात्रा आसान और सुविधाजनक हो सकती है.
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