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इंडिया न्यूज़ (नई दिल्ली, central goverment plan to set 112 new medical colleges): केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। सरकार ने आने वाले 4 सालों में देश के अंदर 112 जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना बनाई है। इन कॉलेजों का निर्माण उन जिलों में किया जाएगा जहां कोई सरकार या निजी मेडिकल कॉलेज नही है, और जिले की आबादी दस लाख से ज्यादा है।
केंद्र सरकार के अनुसार इन 112 कॉलेजों के निर्माण पर कुल 36 हजार करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। आने वाले कुछ समय में इस योजना को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिल सकती। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए देश में 112 जिलों की पहचान भी कर ली है। सबसे ज्यादा 21 जिले मध्यप्रदेश के है क्योंकि यहाँ कोई सरकारी या मेडिकल कॉलेज नही है और ज़िले की आबादी दस लाख से ज्यादा है। हर मेडिकल कॉलेज के निर्माण पर औसतन 325 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
इन कॉलेजों को बनाने को जो राशि खर्च होगी उसका 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकारों द्वारा दिया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ की कुल 36 हज़ार करोड़ में से 22 हज़ार करोड़ केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा वही 14 हज़ार करोड़ राज्यों द्वारा दिया जाएगा। हालांकि उसमें कुछ उपवाद भी है, पूर्वोत्तर के राज्यों और जिन राज्यों को विशेष दर्जा प्राप्त है वहाँ केंद्र सरकार द्वारा 90% खर्च दिया जाएगा।
इन मेडिकल कॉलेजों के बन जाने के बाद देश में एमबीबीएस मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या 11 हजार तक बढ़ जाने का अनुमान है। अभी देश में 332 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, जहां अंडरग्रेजुएट कोर्सेज की 48,012 सीटें हैं। वही 290 प्राइवेट कॉलेज जिनमें 43,915 सीटें है। कुल मिलकर अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों में 91 हज़ार 927 सीटें है। वहीं, अगर पोस्टग्रेजुएट कार्यक्रमों में सीटों की संख्या देखे तो, सरकारी और निजी दोनों कॉलेजों को मिलाकर कुल 60,202 पीजी सीटें हैं.
नए बनने वाले 112 कॉलेजों में सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में 21, उत्तर प्रदेश में 14, बिहार में 14, झारखण्ड में 10, हरियाण-असम-ओडिशा में आठ-आठ, छत्तीसगढ़ और पंजाब में 4 -4 , दिल्ली, गुजरात और राजस्थान में 2-2 , तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल में 1-1 कॉलेज बनाये जाएंगे.
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