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Coronavirus Alert: देश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामले एक बार फिर लोगों के अंदर अपना डर पैदा कर रहा हैं। मौजूदा स्थिति इतनी डरावनी हो गई है कि एक दिन में 10 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज हो रहे हैं। इस बीच IIT कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने भविष्यवाणी की है। प्रोफेसर का कहना है कि मई महीने के मध्य में कोरोना अपने पीक पर होगा और उस दौरान हर रोज 50 हजार से ज्यादा केस आएंगे। बता दें IIT कानपुर पिछले तीन साल से कोरोना पर सटीक भविष्यवाणी कर रहा है और यह हर बार सच हुई है।
दरअसल, डॉ मणींद्र अग्रवाल ने मैथमेटिकल मॉडल के आधार पर की गई भविष्यवाणी पूरे देश में सबसे सटीक साबित हुई है, लेकिन उनके मॉडल का सही हिसाब लगाने के लिए कम से कम रोजाना दस हजार केस की संख्या आनी जरूरी है। ऐसे में पिछले कुछ दिन की स्टडी के आधार पर प्रोफेसर मणींद्र का कहना है कि मई के महीने के बीच में कोविड का पीक देखने को मिल सकता है। इस दौरान रोजाना 50 से 60 हजार मामले सामने आने की उम्मीद है।
उन्होंने मीडिया से बातचीत कर कहा कि कोरोना की अचानक बढ़ती संख्या की दो वजहें हैं। पहली वजह है कि लोगों के अंदर नेचुरल इम्युनिटी कम हो रही है। जब इंफेक्शन होता है तो शरीर में वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो जाती है और वायरस से लड़ने की यह क्षमता लोगों में पांच प्रतिशत कम हो गई है। वहीं दूसरी वजह कोविड-19 का नया वैरिएंट है जो पहले के वैरिएंट से ज्यादा तेजी से फैल रहा है।
उन्होनें आगे कहा कि देश में 90 प्रतिशत से ऊपर और उत्तर प्रदेश में 95 प्रतिशत लोगों के पास नैचुरल इम्यूनिटी है। मॉडल के अनुसार, मई के मध्य में कोरोना के मामले हर रोज 50,000 के आसपास जाएंगे जो भारत जैसे देश जिसकी आबादी इतनी ज्यादा है, उसके लिए बड़ी बात नहीं है। साथ ही लोगों को जो संक्रमण हो रहा है, वह भी बहुत खतरनाक स्तर का नहीं है। खांसी जुकाम जैसे लक्षणों से लोगों को घर पर ही आराम मिल जा रहा है। ऐसे में कोविड-19 को एक सामान्य फ्लू की तरह ही मानना चाहिए।
कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस बात की आशंका लगाई जा रही है कि कोरोना की नई लहर आने वाली है। हालांकि, इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। उनका मानना है कि मामले भले ही बढ़ रहे हैं, लेकिन मौतों की संख्या और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है।
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