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Devraha Baba: कौन हैं देवराहा बाबा? राम मंदिर के आमंत्रण कार्ड पर लगी है इनकी तस्वीर

Shanu kumari • LAST UPDATED : January 21, 2024, 3:23 pm IST
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Devraha Baba: कौन हैं देवराहा बाबा? राम मंदिर के आमंत्रण कार्ड पर लगी है इनकी तस्वीर

Devraha Baba

India News(इंडिया न्यूज), Devraha Baba: रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी की काफी जोर-शोर से की जा रही है। राम मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण कार्ड में उन लोगों को शामिल किया गया है, जो मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं। एक पेज में देवरहा बाबा के बारे में बताया गया है।

उन्होंने ऐलान किया था कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन उनकी सहमति से चल रहा है। भगवान राम के भक्त, देवरहा बाबा को न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी लोग एक संत के रूप में पूजते थे। पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे राजनीतिक नेता उनसे मिलते थे और आशीर्वाद लेते थे।

बाबा के पैरों में तीर्थ

ऐसा कहा जाता है कि देवरहा बाबा ने इन नेताओं से उनके जीवन और करियर के बारे में भविष्यवाणियां की थीं। देवरहा बाबा के बारे में एक अनोखी बात यह थी कि वे अपने पैरों से लोगों को आशीर्वाद देते थे। जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा, “पैरों में तीर्थ है।” देवराहा बाबा 1989 में प्रयाग महाकुंभ के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित संत सम्मेलन और धर्म संसद में आए थे। जहां उन्होंने घोषणा की थी कि विश्व हिंदू परिषद “मेरी आत्मा है”। कहा जाता है कि उनके पास दैवीय और आध्यात्मिक शक्तियां थीं। इसके कारण वर्षों तक उनकी अपार लोकप्रियता बनी रही। यहां तक कि विदेशी पत्रकार भी उनका इंटरव्यू लेने आए और उनका आशीर्वाद लिया।

रामानुज परंपरा का वाहक

उनकी उम्र को लेकर भी कई तरह की कहानियां हैं। कुछ लोग कहते हैं कि देवराहा बाबा 900 साल तक जीवित रहे। जबकि अन्य कहते हैं कि उनकी मृत्यु 250 साल बाद हुई। कुछ का मानना था कि वह 500 साल तक जीवित रहे। वह उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले थें। कहा जाता है कि उन्होंने 33 साल पहले ही राम मंदिर निर्माण की भविष्यवाणी भी कर दी थी। प्राण प्रतिष्ठा निमंत्रण कार्ड में उन्हें ‘रामानुज परंपरा का वाहक’ बताया गया है।

बाबा की भविष्यवाणी

अनुयायियों और लोकप्रियता की लंबी सूची के बावजूद, बाबा देवरिया में सरयू नदी के तट पर बांस से बने मचान पर रहते थे। जब भी कोई उनसे आशीर्वाद मांगता था तो वह बस अपने पैर आगे कर देते थे ताकि भक्त आएं और उनके पैर अपने सिर से छू लें। जब उनसे राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के बारे में पूछा गया, तो देवरहा बाबा ने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, पारसी, सिख, सभी “हमारी प्यारी आत्माएं” हैं। बाबा ने भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि ऐसा समाधान निकाला जाएगा जो दोनों गुटों यानी हिंदू और मुस्लिमों के लिए संतोषजनक होगा।

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