होम / ज्ञानवापी मामलें में हिन्दू पक्ष की जीत, मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज

ज्ञानवापी मामलें में हिन्दू पक्ष की जीत, मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज

Roshan Kumar • LAST UPDATED : September 12, 2022, 3:43 pm IST

इंडिया न्यूज़ (वाराणसी, Gyanvapi case: Varanasi court upholds maintainability of Hindu side’s petition, next hearing on Sep 22): वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को अंजुमन इस्लामिया मस्जिद समिति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा के अधिकार की मांग करने वाली पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर मुकदमे को चुनौती दी गई थी.

जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने ज्ञानवापी परिसर स्थित गौरी-श्रृंगार मंदिर केस में पूजा के अधिकार को लेकर हो रहे विवाद मामले में फैसला सुनाया और मामले को 22 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए लिस्ट किया.

हिन्दू पक्ष ने खुशी जाहिर की

हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि मुकदमा चलने योग्य है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को है।”

ज्ञानवापी मामले के याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा, “यह हिंदू समुदाय की जीत है। अगली सुनवाई 22 सितंबर को है। यह ज्ञानवापी मंदिर की आधारशिला है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।”

इससे पहले, हिंदू पक्ष ने कहा था कि अगर फैसला उनके पक्ष में आता है तो वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वेक्षण और ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की मांग करेंगे.

कोर्ट ने दिया था सर्वे करने का आदेश

गौरी-श्रृंगार मंदिर में पूजा को लेकर याचिका पांच महिलाओं ने दायर की थी, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा की अनुमति मांगी गई थी, इसके बाद वाराणसी की एक अदालत ने मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया। इसके बाद, वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने मई में परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण का आदेश दिया। सर्वेक्षण का काम 16 मई को पूरा हुआ और 19 मई को अदालत में रिपोर्ट पेश की गई.

वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के बाद हिंदू पक्ष द्वारा दावा किया गया कि मस्जिद परिसर में एक शिवलिंग जैसी संरचना मिली थी, लेकिन मस्जिद समिति ने विरोध किया कि यह एक फव्वारा था शिवलिंग नहीं.

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने दावा किया था कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था।याचिकाकर्ताओं के अनुसार काशी में भगवान विश्वनाथ का एक स्वयंभू ज्योतिर्लिंग मस्जिद परिसर में है। याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि 1669 में, मुगल सम्राट औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को नष्ट कर दिया था और ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया था.

याचिकाकर्ता कहते है कि अदालत यह घोषित करे कि मुसलमानों को ज्ञानवापी मस्जिद पर कब्जा करने और उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का कोई अधिकार नहीं है.

इस बीच मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में कोई मंदिर नहीं था और मस्जिद शुरू से ही घटनास्थल पर खड़ी है। विशेष रूप से, सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद समिति के आवेदन पर वाराणसी के जिला न्यायाधीश के फैसले का इंतजार करेगा.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Petrol Diesel Price: देश भर में बदलते पेट्रोल और डीजल के दाम, जानें आज का ताजा रेट-Indianews
Andhra Pradesh: ‘चंद्रबाबू नायडू-पवन कल्याण घोषणापत्र पर पीएम मोदी क्यों नहीं?’ जगन रेड्डी ने कसा तंज -India News
Vote Jihad Remark Row: सलमान खुर्शीद और उनकी भतीजी पर मंडराया संकट, वोट जिहाद विवाद को लेकर मामला दर्ज -India News
Lok Sabha Election 2024: ‘जब तक मैं जिंदा हूं मुस्लिमों को धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं’, पीएम मोदी का बड़ा बयान -India News
Lok Sabha Elections: पीएम मोदी 5 मई को अयोध्या में कर सकते हैं रोड शो, बीजेपी को होगा बड़ा फायदा -India News
Haryana Board 12th Result: हरियाणा बोर्ड ने जारी किए 12वीं के नतीजे, ऐसे कर सकते हैं चेक -India News
AC की हवा में हमेशा रहने वाले हो जाएं सावधान, ये बड़े रोग का हो सकता है खतरा-Indianews
ADVERTISEMENT