India News ( इंडिया न्यूज़ ) India Pakistan Relations: भारत से चार युद्धों में हार का मुंह देखने के बाद पाकिस्तानी सेना को अब अपनी गलती का अहसास होने लगा है। यही कारण है कि पाकिस्तानी सेना अब अपने कलम के सिपाहियों के जरिए भारत को इशारे कर रही है। बता दें पाकिस्तानी सेना के करीबी माने जाने वाले शहजाद चौधरी नाम के पत्रकार ने एक लेख लिखा है। इसमें उन्होंने भारत और पाकस्तान की दोस्ती की जमकर वकालत की है। वहीं पाकिस्तान के जाने-माने डिफेंस एक्सपर्ट वजाहत खान ने भी शहजाद चौधरी के इस लेख को भारत के साथ शांति के लिए सैन्य समर्थक आवाज बताया है।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान सार्क, एससीओ जैसे मल्टीनेशनल संगठनों में शामिल हैं। दो अरब लोगों के ये दोनों घर आपस में जुड़ना चाहते हैं। हालांकि, इन देशों के लोग दो परमाणु शक्तियों, भारत और पाकिस्तान की क्लासिक गेमप्ले की बंधक बने हुए हैं। ये दोनों देश एससीओ और आसियान जैसी क्षेत्रीय व्यवस्थाओं के प्रति समर्पण करने को तैयार हैं, लेकिन न तो सार्क को पुनर्जीवित करेंगे और न ही दक्षिण एशिया के भीतर एक संपन्न आर्थिक क्षेत्र विकसित करेंगे। इस प्रकार गरीबी दोनों तरफ व्याप्त है। अफ्रीका, जो कि व्यापक रूप से पिछड़ा हुआ है, जल्द ही दक्षिण एशिया को पीछे छोड़ देगा क्योंकि इसके लोग बेहतर भविष्य की ओर प्रगति कर रहे हैं।
अपने लेख में शहजाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को आपसी बैर छोड़ना होगा। इसमें सबसे पहले कश्मीर आता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर सबसे अधिक असाध्य और ठोस मुद्दा है। यही कारण है कि दोनों पक्षों के अधिकांश लोग आम समझ में इसे हल करने की कोशिश किए बिना इससे आगे नहीं बढ़ पाते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर का मुद्दा भारत के साथ संबंधों को सुधारने के किसी भी प्रयास में सबसे बड़ी रुकावट है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने आतंक का हवाला देकर पाकिस्तान को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मजबूर किया है। इससे भारत अपने उद्देश्य में सफल हुआ है।
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