India News (इंडिया न्यूज़), Karnataka, रिपोर्ट- आशीष सिन्हा: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में बीबीएमपी अधिनियम 2020 के तहत एक योजना प्राधिकरण, हैरिटेज संरक्षण समिति (Karnataka) और शिकायत निवारण प्राधिकरण के गठन की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर राज्य सरकार और बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को नोटिस जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और न्यायमूर्ति एम जी एस कमल की खंडपीठ ने वकील उमापति एस द्वारा दायर जनहित याचिका पर नोटिस का आदेश दिया और मामले को दो सप्ताह के बाद आगे की सुनवाई के लिए निर्देशित किया।
याचिका में बीबीएमपी अधिनियम, 2020 की धारा 301, 367 और 368 के अनुसार विरासत संरक्षण समिति, महानगर योजना समिति और शिकायत निवारण प्राधिकरण के गठन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।
याचिका में कहा गया है कि ये समितियाँ पूरे बेंगलुरु महानगरीय क्षेत्र की उचित योजना और प्रबंधन की कुंजी हैं। विरासत समिति और योजना समिति के गैर-गठन के परिणामस्वरूप, बेंगलुरु के नागरिकों को बेतरतीब विकास, यातायात के मुद्दों, पानी की कमी, प्रदूषण, कंक्रीट निर्माण (एसआईसी), विरासत भवन की हानि और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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