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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : देश में हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें, यह दिन स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाता है जो भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक थे। मालूम हो, स्वामी विवेकानंद का नाम इतिहास में एक ऐसे विद्वान के रूप में दर्ज है, जिन्होंने मानवता की सेवा को अपना सर्वोपरि धर्म माना। 1984 में भारत सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया था और 1985 से राष्ट्र हर साल इसे मना रहा है।
आपको बता दें , अमेरिका के शिकागो में धर्मसभा में अपने धाराप्रवाह भाषण से अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए भारतीय संन्यासी स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को बंगाल में हुआ था। स्वामी विवेकानंद अपने ओजपूर्ण और बेबाक भाषणों के कारण काफी लोकप्रिय हुए, खासकर युवाओं के बीच। यही कारण है कि उनके जन्मदिन को पूरा राष्ट्र ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाता है। ज्ञात हो, स्वामी विवेकानंद जी ने मानवता की सेवा एवं परोपकार के लिए 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। जिस मिशन का नाम उन्होंने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रखा।
मालूम हो, स्वामी विवेकानंद आध्यामिक गुरु होने के साथ-साथ एक कुशल वक्ता और देशभक्त भी थे। उन्होंने भारतीय वेद-पुराणों को पूरे विश्व में पहचान दिलाई। पूरी दुनिया को वेदांत दर्शन के साथ सनातन संस्कृतियों से भी अवगत कराया था। आपको बता दें, विवेकानंद जी का पूरा जीवन युवाओं के लिए एक शिक्षा रहा है। उनके जन्मदिन के मौके पर महिलाओं के उत्थान के लिए दी गई उनकी सीख आज हम आपको रु- ब -रु कराते हैं।
जानकारी हो, एक बार एक समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद के पास आए। उन्होंने कहा कि मैं महिलाओं के उत्थान के लिए कुछ करना चाहता हूं, लेकिन समझ नहीं आ रहा क्या करूं? उनका यह सवाल सुनकर विवेकानंद ने जवाब दिया, ‘हैंड्स ऑफ, आपको उनके बारे में कुछ नहीं करना है। बस उन्हें अकेला छोड़ दो। उन्हें जो करना है वह खुद ही करेंगी। यही सबसे जरूरी है। ऐसा नहीं की पुरुष को महिला को सुधारने की जरूरत है। वह यह सोच छोड़ दें तो महिलाएं वहीं करेंगी जो उनके भविष्य के लिए बेहतर है।’
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