Hindi News / Top News / Now Girls Will Not Get Entry In Delhis Jama Masjid Know What Is The Whole Matter

दिल्ली की Jama Masjid में अब नहीं मिलेगी लड़कियों को एंट्री, जानें क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली : जहां आज पूरी दुनिया में लड़कियों की राइट्स और आजादी को लेकर बात की जा रही हैं। जहां आज लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। चाहें वो डिफेंस हो या कॅारपोरेट चाहें  घर के ग्रृहस्ती हो या ऑफिस का प्रेसर हर काम को अपने […]

BY: Priyanshi Singh • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

नई दिल्ली : जहां आज पूरी दुनिया में लड़कियों की राइट्स और आजादी को लेकर बात की जा रही हैं। जहां आज लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। चाहें वो डिफेंस हो या कॅारपोरेट चाहें  घर के ग्रृहस्ती हो या ऑफिस का प्रेसर हर काम को अपने सूझ बूझ  और धर्य के साथ करने वली लड़कियों ने खूद को साबीत किया है। लेकिन इन सब के परे धर्म के पूजारियों ने आज भी लड़कियों को पूरूषों के सामान दर्जा नहीं दिया है। जहां लड़कियों को मां काली और दूर्गा के नाम पर पूजा जाता है। वहीं कई मंदिरों में लड़कियों की एंट्री पर प्रतिबंध भी देखने को मिलते हैं। बता दें लड़कियों की आजादी सी जुड़ा एक और मुद्दा पूरे देश में सुर्खियों में है।

लड़कियों के अकेले प्रवेश पर पाबंदी

दरअसल  पुरानी दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में अब लड़कियों के अकेले प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके लिए जामा मस्जिद प्रशासन की ओर से आदेश जारी किया गया है तथा मस्जिद के गेट पर पट्टी लगाई गई है, जिसमें लिखा गया है कि जामा मस्जिद में लड़कियों का अकेले दाखिल करना मना है। यह पट्टी तीनों गेट पर लगी है। यह मामला ऐसे वक्त में सामने आया है जब पूरे विश्व में इस्लाम समाज की महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रही हैं। ईरान में भी हिजाब को लेकर वहां की महिलाएं सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है।

Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत

आदेश को बताया कट्टरवादी मानसिकता

बता दें कि जामा मस्जिद के इस आदेश को कट्टरवादी मानसिकता बताकर आलोचना हो रही है। लोग कह रहे हैं कि कैसे आधी आबादी के साथ कोई ऐसा बरताव कर सकता है। इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता शहनाज अफजल ने कहा कि भारत जैसे देश में जहां हर किसी को बराबरी का अधिकार मिला हुआ है। उसमें इस तरह का फैसला संविधान को ताक पर रखने जैसा है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का फैसला किसी भी सूरत में मान्य नहीं है। ये फैसला लेने वाले लोग उस मानसिकता के हैं जो लड़कियों को अंधकार के कुएं में रखना चाहते हैं।

इबादत की जगह हर किसी के लिए खुली होनी चाहिए

इस मामले को लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रवक्ता शाहिद सईद ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह मानसिकता गलत है। उन्होंने कहा कि इबादत की जगह हर किसी के लिए खुली होनी चाहिए। यहां महिलाओं के साथ दोयम दर्जे का बरताव क्यों। अन्य धर्म के धार्मिक स्थलों में यह अंतर नहीं है।

प्रवक्ता सबीउल्लाह ने इस निर्णय का किया बचाव 

इस संबंध में जामा मस्जिद के प्रवक्ता सबीउल्लाह ने इस निर्णय का बचाव करते हुए कहा है कि जामा मस्जिद में कई सारे कपल ऐसे आ जाते हैं जिनका व्यवहार धर्म के अनुसार नहीं होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाने के लिए भी यहा कुछ युवतियां आती हैं, जो नमाज स्थल तक आ जाती हैं जिसके कारण नमाजियों को असुविधा होती है। उन्होंने कहा कि अंदर मस्जिद में वीडियो न बनाने के संदेश भी लिखे हैं।

विश्व के सबसे बड़े मस्जिदों में सुमार है जामा मस्जिद

बता दें कि दिल्ली का ऐतिहासिक जामा मस्जिद मुगलों के जमाने की है इसकी गिनती विश्व के सबसे बड़े मस्जिदों में होती है। यह दिल्ली का प्रमुख धार्मिक स्थल में से एक होने के साथ-साथ देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी है। रमजान के दिनों में यहां इफ्तार के वक्त रौनक देखते ही बनती है, जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होकर नमाज अदा करते है।

Tags:

Delhi news hindi newsDelhi politicsJAMA MasjidMuslim Womannew-delhi-city-politicswomen rights

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue