गांधीनगर ( Oreva Group MD Jaysukh Patel surrenders before court in morbi bridge collapse):ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक, जयसुख पटेल ने मोरबी पल हादसे से जुड़े मामले को लेकर मोरबी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। मोरबी पल हादसे में 134 लोगों की जान चली गई थी। इस महीने की शुरुआत में, गुजरात पुलिस ने मामले में 1,262 पन्नों की चार्जशीट दायर की और मामले में जयसुख पटेल को मुख्य आरोपी बनाया। 24 जनवरी को गुजरात की एक अदालत ने इस मामले में ओरेवा समूह के जयसुख पटेल की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।
#UPDATE | Morbi bridge collapse | Jaysukh Patel of Oreva Group surrenders before the court of Chief Judicial Magistrate in Morbi. https://t.co/IcVvUgD2q0
— ANI (@ANI) January 31, 2023
अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) ने मोरबी में मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के पुल के नवीनीकरण, मरम्मत और संचालन का ठेका हासिल किया था। नवीनीकरण के बाद पुल को चालू किया गया था लेकिन चालू होने के कुछ दिन बाद ही 30 अक्टूबर 2022 को पुल गिर गया। 24 जनवरी को मोरबी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 70 के तहत पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
मामले में पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में पटेल का नाम आरोपी के रूप में नहीं है। मामले में अब तक अजंता मैन्युफैक्चरिंग (ओरेवा ग्रुप) के चार कर्मचारियों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ओरेवा समूह के दो प्रबंधक और इतनी ही संख्या में टिकट बुकिंग क्लर्क शामिल हैं जो पुल का प्रबंधन कर रहे थे। गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 नवंबर को मोरबी दुर्घटना का स्वत: संज्ञान लिया था, राज्य के गृह विभाग सहित अधिकारियों को नोटिस जारी किया और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी थी।