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Parliament Productivity: संसद के बजट सत्र के दूसरे दौर में लोकसभा में कामकाज मात्र 34% हुआ वही ऊपरी सदन राज्यसभा में इससे से भी कम 24.4% कामकाज हुआ। बजट सत्र का दूसरा चरण 31 जनवरी से शुरू हुआ था जो आज यानी 6 अप्रैल को समाप्त हुआ। संसदीय कार्य राज्य मंत्री, अर्जुन राम मेघवाल ने इसकी जानकारी दी।
संसद बजट के पहले चरण को देखा जाए तो कार्य की दृष्टि से बेहद सफल सत्र रहा था। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चला। बजट सत्र के पहले चरण की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई थी। 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने बजट पेश किया था। लोकसभा में पहले चरण की उत्पादकता 121% रही और राज्यसभा में 100% रही थी।
34% productivity of Lok Sabha and 24.4% productivity of Rajya Sabha was noted during Budget Session which started on Jan 31 and concluded today: MoS Parliamentary Affairs Minister, Arjun Ram Meghwal
— ANI (@ANI) April 6, 2023
बजट सत्र का दूसरा चरण अडानी मामले की जेपीसी जांच की मांग, राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने और लंदन में राहुल गांधी के बयान पर माफी मांगने की मांग की भेंट चढ़ गया। जहां विपक्ष ने पूरे सत्र के दौरान सदन के अंदर और बाहर प्रर्दशन किया, वही सत्ता पक्ष ने भी कुछ दिन तक राहुल गांधी के लंदन वाले बयान पर माफी की मांग करते हुए प्रर्दशन किया। आपको बता दे कि संसद चलाने का खर्च प्रतिघंटे खर्च 1.5 करोड़ रुपए आता है। संसद के अंदर सालभर में 70-80 दिन ही काम होता है। ऐसे में संसद नहीं चलने का सीधा-सीधा मतलब जनता के पैसे की बर्बादी है।
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