India News ( इंडिया न्यूज़ ),PM Modi in US Parliament: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी अमेरिकी यात्रा पर हैं। जिस दौरान शुक्रवार को पीएम मोदी ने अमेरिकी संसद को संबोधित कर रहे है। जहां अभी तक के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भारत की विविधता से संबंधित बाते कर रहे है। जहां उन्होने कहा कि, हमारे यहां 2500 राजनीतिक दल हैं। हां, आपने सही सुना। ढाई हजार। 20 अलग-अलग दल भारत के अलग-अलग राज्यों में सत्ता में हैं। हमारे यहां 22 आधिकारिक भाषाएं हैं, हजारों बोलियां हैं। इसके बाद भी हम एक स्वर में बात करते हैं। (इस पर दोबारा मोदी-मोदी के नारे लगे) उन्होंने कहा कि हमारे यहां हर सौ मील पर खान-पान बदल जाता है। डोसा से आलू पराठा तक और श्रीखंड से संदेश तक, हम सभी का लुत्फ उठाते हैं। इसक बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि, आज दुनिया भारत के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहती है। मैं इस सदन में भी यही जिज्ञासा देखता हूं। हमने पिछले एक दशक में सौ से ज्यादा अमेरिकी सांसदों की मेजबानी की है। हर कोई भारत के लोकतंत्र, विकास और विविधता के बारे में जानना चाहता है। भारत कभी 10वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था, आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। हम सिर्फ बड़े नहीं हो रहे, हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद कहा कि, अमेरिका की बुनियाद लोगों के बीच समानता पर टिकी है। आपने दुनियाभर से यहां आए लोगों को अमेरिका के सपने में समान रूप से साझेदार बनाया है। यहां पर लाखों लोग ऐसे हैं, जिनकी जड़ें भारत से हैं। उनमें से कुछ यहां गर्व के साथ संसद में बैठे हैं। इनमें से ही एक मेरे पीछे भी खड़ी हैं कमला हैरिस जिन्होंने इतिहास रच दिया था। मुझे बताया गया है कि, समोसा कॉकस का जायका अब संसद में नजर आता है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही विविध भारतीय पकवान भी यहां नजर आएंगे।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी लोकतंत्र पर बोलते हुए कहा कि, इतिहास में देखें तो एक बात साफ है कि लोकतंत्र ही वह जज्बा है, जो समानता लाता है। लोकतंत्र ही चर्चा और विमर्श को बढ़ावा देता है। लोकतंत्र ही विचारों और अभिव्यक्ति को मौका देता है। भारत तो लोकतंत्र की जननी है। एकम सत , विप्रा बहुधा वदन्ति। यानी सच एक है, बुद्धिमान लोग इसे अलग-अलग तरह से कहते हैं। भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत-अमेरिका मिलकर दुनिया को बेहतर भविष्य दे सकते हैं। इसके बाद पीएम ने कहा कि, जब भी आपको दलगत राजनीति से ऊपर सहमति बनाने की जरूरत पड़े, मुझे मदद करने में खुशी होगी। विचारों के बीच प्रतियोगिता तो होती रहती है, लेकिन जब राष्ट्र की बात हो तो हमें एक सुर में बात करनी चाहिए। आपने यह दिखा दिया है कि आप लोग ये कर सकते हैं। इसके लिए आपको बधाई।
पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में कई बदलाव हुए हैं। इसी के साथ-साथ एक और एआई यानी अमेरिका-इंडिया के मामले में भी बड़े पैमाने पर बदलाव हुए हैं। लोकतंत्र की खूबसूरती लोगों के साथ सतत जुड़ाव, उनकी बातें सुनने और उन्हें महसूस करने में है। आज गुरुवार है, आप में से कई लोगों के लिए यात्रा का दिन है। मिस्टर स्पीकर, आपका काम तो बहुत मुश्किल है। मैं सब्र करने, दूसरों को मनाने और नीतियों के बीच संतुलन साधने के संघर्ष को समझ सकता हूं। मुझे खुशी हो रही है कि आप दुनिया के दो महान लोकतंत्र का जश्न मनाने के लिए आज यहां आए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि, ‘नमस्कार! अमेरिकी संसद को संबोधित करना हमेशा गर्व की बात होती है। यह असाधारण सम्मान है। इस सम्मान के लिए मैं भारत की 1.4 अरब जनता की तरफ से आभार व्यक्त करता हूं। मैं देख पा रहा हूं कि आप में से आधे लोग 2016 में भी थे। मैंने पुराने दोस्तों जैसी गर्मजोशी को महसूस किया। बाकी आधे लोगों में नई दोस्ती का उत्साह महसूस किया।’ पीएम ने आगे कहा कि सात वर्ष पहले मैं यहां आया था। तब मैंने कहा था कि इतिहास की हिचक कभी हमारे साथ चलती थी। अब हम नई राह पर खड़े हैं। अब इस शताब्दी का नया आह्वान है। हमने लंबा सफर तय किया है। हमने दोस्ती की परख देता है। सात बरस पहले जब मैं आया था, तब से अब तक काफी कुछ बदला है। लेकिन भारत-अमेरिका के बीच दोस्ती बरकरार है।
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