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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, Scientific Reasons Behind Lighting Diyas in Diwali): दिवाली के दिन हर घर जलते हुए दीपक से जगमगाता है। ऐसे में कई लोग यह सवाल भी उठाते हैं कि आखिर इतने दीये जलाकर बेवजह पैसा क्यों खर्च किया जाए। आपको बता दें कि इन दीयों को जलाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। दिवाली मनाने के कई कारण होते है जैसे राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षिक और धार्मिक।
इस दिवाली पर अयोध्या के दीपोत्सव में 15 लाख से ज्यादा दिए जलाये गए
दिव्य #अयोध्या का भव्य #दीपोत्सव!
15 लाख 76 हजार दीपों जलाकर पुनः स्थापित हुआ विश्व रिकॉर्ड
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल हुआ अयोध्या #दीपोत्सव2022#GuinnessWorldRecord #GuinnessWorldRecord2022 #GuinnessBookOfWorldRecord #AyodhyaDeepotsav #DeepotsavAyodhya2022 pic.twitter.com/TtcekTsLtu
— UP Tourism (@uptourismgov) October 23, 2022
दीपावली का दिन कार्य सिद्धि के लिए विशेष माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है। दैवी शक्ति पूरे ब्रह्मांड में व्याप्त है। आइए जानते हैं दीया जलाने के वैज्ञानिक महत्व के बारे में।
रसायन विज्ञान के प्रख्यात प्रोफेसरों के अनुसार सरसों के तेल में ऐसे तत्व होते हैं जो पर्यावरण में मौजूद रसायनों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और जहरीले तत्वों, कीड़ों, कीटाणुओं आदि को मारने में सहायक होते हैं।
दीपोत्सव में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए
अवधपुरी अति रुचिर बनाई।
देवन्ह सुमन बृष्टि झरि लाई।।
लाखों दीयों से जगमगा रही अयोध्या नगरी में भव्य और दिव्य दीपोत्सव का दृश्य मन को मोह लेने वाला है। pic.twitter.com/AgWPExywWD
— Narendra Modi (@narendramodi) October 23, 2022
दीया जलाने से वातावरण में नमी भी बढ़ती है। वहीं, अधिक दीये जलाने से वातावरण का तापमान बढ़ जाता है। सर्दियों के दौरान हवा भारी होती है। दीया जलाने से हवा हल्की और साफ हो जाती है।
वैसे आजकल देसी घी के दीये जलाना आसान नहीं है, वो भी गाय के दूध का लेकिन आपको बता दें कि गाय के देसी घी का दीया जलाने से वातावरण शुद्ध रहता है क्योंकि देसी गाय के दूध से बना घी कीटाणुओं को मारता है। डॉक्टर बताते हैं कि वातावरण को स्वच्छ रखने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
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