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बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (In these, medicines related to cancer have also been exempted): देश में केंद्र सरकार ने रेयर बिमारियों से ग्रसित मरीजों को एक राहत भरी खबर दी है। सरकार ने आज नेशनल रेयर डिजीज पॉलिसी 2021 के तहत आने वाली सभी बीमारियों के इलाज में इस्तमाल होने वाली इंपोर्टेड दवाओं और स्पेशल फूड पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को समाप्त कर दिया है। इनमें कैंसर से जुड़ी दवाओं पर भी छूट दिया गया है। आपको बता दें कि इन रोगों के उपचार के लिए आवश्यक दवाएं या विशेष खाद्य पदार्थ महंगे होते हैं और इन दवाओं को आयात करना जरूरी होता है।
1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से सरकार यह छूट देने जा रही है। ड्रग्स और दवाओं पर सामान्य तौर पर 10% के मूल सीमा शुल्क लगती है, जबकि जीवन रक्षक दवाओं/टीकों की कुछ श्रेणियों पर 5% या शून्य की रियायती दर लगती है। इंपोर्ट छूट में सरकार ने विभिन्न कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाले पेम्ब्रोलिज़ुमाब (कीट्रूडा) को बुनियादी सीमा शुल्क से छूट दी है।
The Central Government has given full exemption from basic customs duty on all drugs and Food for Special Medical Purposes imported for personal use for the treatment of all Rare Diseases listed under the National Policy for Rare Diseases 2021 through a general exemption… pic.twitter.com/RJSkm9IZZl
— ANI (@ANI) March 30, 2023
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, छूट का लाभ उठाने के लिए, व्यक्तिगत आयातक को केंद्रीय या राज्य निदेशक स्वास्थ्य सेवा या जिले के जिला चिकित्सा अधिकारी/सिविल सर्जन से एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। रोगियों को इस छूट से आर्थिक मदद मिलेगी और जरूरी दवाएं भी मिल जाएंगी।
मंत्रालय के बयान के अनुसार 10 किलो वजन वाले बच्चे के लिए, कुछ दुर्लभ बीमारियों के इलाज की वार्षिक लागत 10 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए प्रति वर्ष से अधिक हो सकती है, जिसमें उपचार आजीवन और दवा की खुराक और लागत उम्र और वजन के साथ बढ़ती जाती है। मंत्रालय ने कहा, “इस छूट से काफी लागत बचत होगी और मरीजों को बहुत जरूरी राहत मिलेगी।”
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