India News(इंडिया न्यूज), Hindus In Aurangzeb Palace: भारत में औरंगजेब पर जब से फिल्म छावा बनी है तभी से इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। आपको बता दें कि, 17वीं सदी का मुगल सम्राट औरंगजेब भारत का सबसे विवादास्पद पर क्रूर शासक रहा है। वहीं, औरंगजेब मुगल साम्राज्य का ऐसा शासक था जिसे भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे बड़ा साम्राज्य विरासत में मिला था और उसने अपने पूरे जीवनकाल में उसका सबसे अधिक विस्तार भी किया था। औरंगजेब को कई इतिहासकारों ने मुगल साम्राज्य का सबसे क्रूर शासक और आक्रमणकारी बताया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि औरंगजेब के दरबार में मुस्लिम धर्म के लोगों के साथ-साथ हिंदू धर्म के लोग भी थे। इसका उल्लेख इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन इतिहास विभाग के प्रोफेसर अखिलेश जायसवाल ने अपनी पुस्तक ‘औरंगजेब और हिंदुओं से संबंध’ में किया है। अपनी पुस्तक में इतिहासकार ने मुगल शासक औरंगजेब के प्रथम और द्वितीय कार्यकाल के दौरान उसके दरबार में हिंदुओं की उपस्थिति का उल्लेख किया है।
इतिहासकारों के अनुसार मुगल शासक औरंगजेब के प्रथम कार्यकाल (1658 से 1678 तक) के दौरान दरबार में कुल 105 हिंदू कार्यरत थे। जिसमें 71 राजपूत, 27 मराठा और 7 अन्य हिंदू समुदाय के लोग काम करते थे। वहीं, औरंगजेब के दूसरे कार्यकाल 1679-1707 के दौरान मुगल दरबार में कुल 182 हिंदू कार्यरत थे। जिसमें 73 राजपूत, 96 मराठा और 13 अन्य हिंदू समुदाय के लोग काम करते थे।
Hindus In Aurangzeb Palace
महाराष्ट्र के नागपुर जिले में मुगल साम्राज्य के अंतिम शासक औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से कई विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जिसके बाद यह दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा में बदल गया। हालांकि अब जिले में स्थिति नियंत्रण में है। इस घटना में कई दुकानें, वाहन और सार्वजनिक संपत्ति भी क्षतिग्रस्त हो गई। इस बीच, नागपुर में हुई हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘नागपुर में हुई यह हिंसा पूरी तरह से सुनियोजित लगती है।’