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India News (इंडिया न्यूज़), Maharashtra: महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल द्वारा एक फैसला लिया गया है जिसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि, राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को फैसला किया कि, मराठवाड़ा क्षेत्र के उन मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जिसके पास निजाम काल के राजस्व या शैक्षिक दस्तावेज है। जो उन्हें कुनबी (कृषि से जुड़ा समुदाय) के रूप में मान्यता देते हैं।
बता दें कि, कुनबी को राज्य (Maharashtra) में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि, मराठवाड़ा में मराठा समुदाय से जुड़े जिन लोगों के निजाम युग के राजस्व और शिक्षा के दस्तावेजों में अपने कुनबी होने का जिक्र किया गया है, उन्हें कुनबी प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
मराठवाड़ा क्षेत्र महाराष्ट्र का हिस्सा बनने से पहले पूर्ववर्ती हैदराबाद साम्राज्य का हिस्सा रहा है। शिंदे ने आगे कहा कि, न्यायाधीश संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति निजाम युग के दस्तावेजों में कुनबी जाने- जाने वाले मराठा समुदाय के लोगों को जाति प्रमाण पत्र देने के लिए कानूनी व प्रशासनिक ढांचे सहित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का निर्धारण करेगी। और इसके साथ ही समिति एक महीने में अपनी रिपोर्ट भी सौंपेगी।
जानकारी के मुताबिक, अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व), प्रधान सचिव (कानून और न्याय) व संबंधित जिलों (मराठवाड़ा में) के कलेक्टर इस समिति के सदस्य रहेंगे। औरंगाबाद के संभागीय आयुक्त समिति के सदस्य सचिव भी इसमें शामिल होंगे।
बता दें, जालना जिले में पिछले आठ दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांग है कि मराठवाड़ा में मराठाओं को पुराने रिकॉर्ड के आधार पर कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए। आगे जरांगे ने कहा कि, वह गुरुवार सुबह 11 बजे अपनी भूख हड़ताल जारी रखने पर फैसले की घोषणा करेंगे।
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