India News (इंडिया न्यूज), Beer And Alcohol Shops: शराब पीने वाले बस एक बहाना ढूंढते हैं कि मौका मिले और वो उस पर झपट सकें। शादी, जन्मदिन या दूसरी पार्टियों में उन्हें कभी भी शराब पीने का मौका मिल जाता है। कोई व्हिस्की का शौकीन होता है, कोई रम का तो कोई सिर्फ बीयर ही पीता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में शराब और बीयर एक ही दुकान पर क्यों नहीं मिलती? अगर आपके आस-पास के लोग बीयर और शराब दोनों पीते हैं तो आपको अलग-अलग दुकानों पर जाना पड़ता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल से नियम बदल गए हैं। नई आबकारी नीति के तहत अब यूपी में एक ही दुकान पर शराब और बीयर मिलेगी।
नई आबकारी नीति की मानें तो इसकी वजह से प्रदेश में शराब की 3171 दुकानें कम हो जाएंगी। दरअसल, पिछले आठ सालों से शराब की दुकानों के लिए लॉटरी नहीं निकली थी, सिर्फ पैसे लेकर पुरानी दुकानों का नवीनीकरण किया जा रहा था। लेकिन नई नीति के तहत ऐसा नहीं होगा। अब बीयर की अलग-अलग दुकानें नहीं होंगी। विदेशी शराब की दुकानों पर भी बीयर मिलेगी। हालांकि, शराब की दुकानों के खुलने और बंद होने का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक ही रहेगा। बार रात 12 बजे तक खुले रहेंगे। लेकिन शराब और बीयर अलग-अलग दुकानों पर क्यों उपलब्ध थी, आइए जानते हैं।
Beer And Alcohol Shops
बीयर और शराब की अलग-अलग दुकानें होने के कई कारण हैं। इनमें मुख्य रूप से लाइसेंस नियम, शराब की ताकत में अंतर और बाजार की मांग जैसी चीजें शामिल हैं। अलग-अलग राज्यों या क्षेत्रों में शराब बेचने के अलग-अलग नियम हैं। उदाहरण के लिए, बीयर और वाइन को किराने की दुकानों पर भी बेचा जा सकता है, इसके लिए अनुमति है। जबकि वोदका, व्हिस्की, रम आदि हार्ड लिकर के लिए विशेष लाइसेंस वाली दुकानों की आवश्यकता होती है। बीयर में वाइन की तुलना में अल्कोहल की मात्रा कम होती है। बीयर में आमतौर पर 4-6% अल्कोहल होता है, जबकि व्हिस्की या वोदका में 40-50% अल्कोहल होता है।
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बीयर में अल्कोहल की मात्रा कम होने के कारण लोग इसे शराब से कम हानिकारक मानते हैं। यही वजह है कि वे इसे आसानी से खरीदने और बेचने के लिए अलग-अलग दुकानों की मांग करते हैं। अब शराब की दुकानों को वाइन शॉप और बीयर की दुकानों को बीयर शॉप कहने के पीछे वजह यह है कि कुछ जगहों पर बीयर और वाइन की दुकानों पर शराब नहीं बेची जा सकती। इसलिए ये अलग-अलग नाम दिए गए हैं।