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India News (इंडिया न्यूज),Basti News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह भूमि भगवान राम के जन्म का कारण है। भगवान श्री राम ने प्रेरणा दी कि कोई व्यक्ति कितना भी महान हो जाए और कितना भी धनवान और प्रसिद्ध हो जाए, वह तब तक अधूरा है जब तक वह अपनी मां और मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता व्यक्त नहीं करता। मां की स्मृतियों को जीवंत रखने और मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करते हुए गरीब छात्रों को अच्छी और आधुनिक शिक्षा दिलाने के लिए दोनों भाइयों ने अपनी मां के नाम पर कर्मा देवी समूह और पिता के नाम पर फार्मेसी कॉलेज की स्थापना की। उनका उद्देश्य था कि इसके माध्यम से हजारों बच्चों को कर्म पथ पर आगे बढ़ने और सम्मान के साथ आत्मनिर्भर जीवन जीने की प्रेरणा मिले। व्यक्ति की आत्मनिर्भरता ही समाज और राष्ट्र की आत्मनिर्भरता है।
सीएम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों और शिक्षकों को सम्मानित किया। सीएम ने बटन दबाकर ओमनी अस्पताल और ट्रामा सेंटर का शिलान्यास किया। सीएम ने सरोज सिंह और देवमंगल सिंह को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सरोज सिंह जब भी मंदिर आती थीं तो कहती थीं कि एक दिन आप मुख्यमंत्री बनेंगे।
सीएम योगी ने कहा कि व्यक्ति पर पांच ऋण होते हैं। माता, पिता, गुरु, मातृभूमि और देवताओं के लिए आप जितना कर सकते हैं, उनकी स्मृतियों और आदर्शों को जीवन में अपनाने का जितना प्रयास कर सकते हैं, यही उद्धृत करने का माध्यम है। ओएन सिंह और देवमंगल सिंह का प्रारंभिक जीवन संघर्षों से भरा रहा। जब पूर्वी यूपी संसाधनों की कमी से जूझ रहा था, सड़कें, बिजली, शुद्ध पेयजल, शिक्षण संस्थान, रोजगार के साधन नहीं थे, उन परिस्थितियों में मां की साधना के बिना अपनी शिक्षा जारी रखना संभव नहीं था। 1981 में देवमंगल सिंह (अब स्मृतिशेष) आईएफएस बने और 1983 में ओएन सिंह यूपी लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर अफसर बने।
सीएम ने कहा कि जो निर्णय 50 साल पहले ले लेना चाहिए था, उसे 50 साल पीछे धकेल दिया गया और युवा पलायन को मजबूर हो गए, तत्कालीन सरकारों ने उनकी प्रतिभा को कुंद कर दिया। सरकारें यहां की समृद्धि में बाधक बनीं। अगर 50 साल पहले नर्सिंग, फार्मेसी, लॉ कॉलेज, बीसीए संस्थान, सीबीएसई बोर्ड के अच्छे स्कूल, निजी क्षेत्र में अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर बन गए होते तो यहां के युवा भी देश में हर क्षेत्र में अव्वल होते। जिन अभिभावकों ने प्रयास किया, उनके बच्चे आगे बढ़ गए। जिनके पास साधन नहीं थे, उनके बच्चे पिछड़ गए। नर्सिंग का क्षेत्र ऐसा है कि अगर अच्छी शिक्षा मिले तो प्लेसमेंट की 100 फीसदी गारंटी है। पूरी दुनिया में भारत के नर्सिंग-पैरामेडिक्स की मांग है।
सीएम योगी ने कहा कि विकसित देशों ने योग्यता, तकनीक और परिश्रम की पराकाष्ठा को महत्व दिया है और हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाया है और आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाया है। पीएम ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने का संकल्प लिया है। दुनिया भारत के महत्व को समझ रही है। जहां भी भारत की प्रतिभा को मौका मिला, उसने खुद को साबित किया। दुनिया की 100 प्रतिष्ठित कंपनियों में से 20 सीईओ भारतीय युवा हैं। तकनीक ने बहुत तरक्की कर ली है, हम भी उसके पीछे नहीं भाग सकते। लेकिन हमें नैतिक निहितार्थ और सुरक्षात्मक उपाय अपनाने होंगे। अगर नजरिया नकारात्मक है तो आप नीचे गिरेंगे और अगर आपका नजरिया सकारात्मक है तो आपको छाने में ज्यादा समय नहीं मिलेगा।
सीएम योगी ने युवाओं से कहा कि जीवन में परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। परिश्रम की आदत डालें। शॉर्टकट लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता नहीं, बल्कि गड्ढे में गिरने का रास्ता है। सही लक्ष्य के लिए किया गया प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता। सीएम ने संस्थान के पदाधिकारियों और शिक्षकों से कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल विकास पर ज्यादा फोकस है। कोई भी विद्यार्थी जब संस्थान से निकले तो वह लाचार न हो, बल्कि उसके मन में यह आत्मविश्वास हो कि वह अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है।
सीएम ने बहुभाषी होने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ-2025 में भाषानी एप का भी प्रयोग किया जा रहा है। सीएम ने अभ्युदय योजना पर चर्चा की। उन्होंने एनसीआर का उदाहरण देते हुए पराली न जलाने, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने, शुद्ध पेयजल, ठोस व तरल अपशिष्ट के लिए गड्ढे बनाकर स्वदेशी मॉडल खाद बनाने आदि पर चर्चा की।
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