By: Ajeet Singh
• UPDATED :India News (इंडिया न्यूज),Yogi adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भूजल संरक्षण, सिंचाई-पेयजल की उपलब्धता, बाढ़ व सूखे पर नियंत्रण, कार्बन भंडारण व जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भर वनस्पतियों, वन्य प्राणियों, प्रवासी व स्थानीय पक्षियों के संरक्षण के साथ-साथ भोजन, औषधि, आजीविका, आय के संसाधन उपलब्ध कराने में वेटलैंड्स की बड़ी भूमिका है।
जलीय पारिस्थितिकी ही नहीं, बल्कि जीव-जंतु की पारिस्थितिकी भी वेटलैंड्स पर निर्भर करती है। यह प्रकृति के मूल स्वरूप की तरफ ध्यान आकर्षित करने का माध्यम भी बनती है। पार्वती और अरगा प्राकृतिक झील प्रकृति के मूल स्वरूप की तरफ हमारा ध्यान आकर्षित करते हैं। यह भारत के उस विरासत का प्रतीक है, जो सरयू नदी के कारण सैकड़ों वर्ष पहले प्राकृतिक झील बना। इसका स्वरूप आज भी उसी रूप में है। यहां प्रवासी व स्थानीय पक्षी बैठे हैं। हजारों किमी. की दूरी तय कर वे हर बार यहां आते हैं। गर्मी बढ़ने पर अपने देश जाने लग जाएंगे। यह अपने साथ वहां की परिस्थितियों से भी हमें अवगत कराने को प्रेरित करती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व वेटलैंड्स डे पर रविवार को गोंडा के पार्वती अरगा पक्षी विहार में ‘हम सभी के भविष्य के लिए आर्द्रभूमियों का संरक्षण’ विषयक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सीएम ने विभिन्न पुस्तकों का विमोचन, प्रदर्शनी का अवलोकन और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया।
सीएम ने कहा कि पर्यटन अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का माध्यम है। ईको, हैरिटेज, स्प्रिचुअल टूरिज्म रोजगार सृजन का भी बड़ा माध्यम बनता है। यहां से 20 किमी. दूर अयोध्या में 2016 में महज 2.35 लाख पर्यटक आए थे। हमारी सरकार ने वहां कनेक्टिविटी ठीक की, थोड़ी सुविधाएं बढ़ाईं तो 2024 में 16. 11 करोड़ लोग यहां आए। इससे रोजगार में काफी वृद्धि हुई। गाइड, रेस्तरां, टैक्सी, होटल, होम स्टे, टेंट सिटी, फूल-पत्ती, व्यवसाय आदि के जरिए भी लोगों का रोजगार बढ़ा।
सीएम ने कहा कि धरती हमारी माता है। पुत्र के रूप में मां का संरक्षण व सुरक्षा करना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसी साइट अतिक्रमण की चपेट में आती है। बेरतरतीब निर्माण होता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है। अनेक वेटलैंड इसके दुष्परिणाम भुगत रहे हैं। इससे जीव-जंतुओं की प्रजातियां भी नष्ट होती हैं। इसी को ध्यान में रखकर रामसर अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड कन्वेंशन (यह ईरान के अंदर है) में 1971 में तय हुआ था कि दुनिया को बचाना है तो इस पर ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि आजादी के बाद मात्र 23 रामसर साइट्स तैयार हुए थे। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में 10 वर्ष में इसे बढ़ाकर 89 तक पहुंचाने में सफलता हासिल की गई। यूपी में भी इस साइट्स के संरक्षण के निरंतर प्रयास करने पड़ेंगे।
सीएम ने कहा कि पार्वती अरगा वेटलैंड्स में आसपास के गांवों को जोड़ने और महिला स्वयंसेवी समूह को प्रोत्साहित करते हुए अमेजन के साथ मिलकर उनके उत्पादों को ऑनलाइन बिक्री हो सके, इसके लिए स्थानीय प्रशासन ने प्रयास प्रारंभ कर दिया है। अभी तक उत्पाद अच्छा बनता था, लेकिन मार्केटिंग व पैकेजिंग समस्याएं थीं। अब अच्छी पैकेजिंग हो रही हैं, मार्केटिंग के लिए ऐसी संस्थाएं भी आ रही हैं। सीएम ने कहा कि महिला स्वयंसेवी समूह आत्मनिर्भरता की दिशा में बहुत बड़ा काम कर सकती है।
सीएम ने कहा कि पांच-सात साल पहले तक किसी आयोजन पर लोग चीन के प्रोडक्ट का गिफ्ट देते थे, लेकिन आज उपहार स्वरूप ओडीओपी का उत्पाद दिया जाता है। इससे लोकल मार्केट सुदृढ़ होता है। ढेर सारे लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है। महिला स्वयंसेवी समूह के माध्यम से भी बढ़ने वाले कार्य भी आत्मनिर्भरता की तरफ अग्रसर करेंगे। ग्राम पंचायत व प्रत्येक परिवार को आत्मनिर्भर बनाना पड़ेगा। आत्मनिर्भरता का लक्ष्य यदि इस माध्यम से बढ़ा लेंगे तो तीन से चार वर्ष में यूपी की इकॉनमी को एक ट्रिलियन डॉलर की बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में हम सफल होंगे।
सीएम ने कहा कि टिकरी जंगल को ओपन सफारी के रूप में विकसित करने से यह मंडल व अवध क्षेत्र को ईको टूरिज्म के बहुत बड़े केंद्र के रूप में विकसित कर देगा। कनेक्टिविटी की जिम्मेदारी यूपी सरकार लेगी। पार्वती व अरगा वेटलैंड्स को सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के साथ जोड़ने के लिए भी सरकार कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि आज से 8 वर्ष पहले हुए सर्वे में गोंडा देश का सबसे गंदा जनपद था, लेकिन आज गोंडा की रैंकिंग अच्छी आती है। आज यहां मेडिकल कॉलेज बन गया है। 100 वर्षों से जिन वनटांगिया को अधिकार नहीं मिला था, उन्हें आज अधिकार भी प्राप्त हुआ और सम्मानित जीवन भी व्यतीत कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने 2070 में नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाने को कहा है। जब हम प्रदूषण पैदा करने वाले तत्वों को रोकेंगे तो कार्बन उत्सर्जन न्यूनतम होगा। पहले लकड़ी, फिर केरोसिन पर भोजन बनता था। दुष्परिणाम के कारण इसमें सुधार किया गया और देश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए।
सीएम ने कहा कि यूपी सरकार के नेतृत्व में हुए प्रयास से यूपी का ग्रीन कवर बढ़ा है। आठ वर्ष में 210 करोड़ पौधरोपण किया गया। इसमें 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। कहीं-कहीं अच्छे जंगल भी बन चुके हैं। अच्छा फॉरेस्ट कवर भी हुआ है। गोरखपुर में जटायु संरक्षण केंद्र भी बनाया गया है। सीएम ने विश्वास जताया कि वनाच्छादन की वृद्धि में नए प्रयास निरंतर आगे बढ़ेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री व गोंडा के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह, यूपी के कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान, वन-पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, वन राज्यमंत्री केपी मलिक, विधायक रमापति शास्त्री, अजय कुमार सिंह, प्रेम नारायण पांडेय, बावन सिंह, प्रभात वर्मा, विनय द्विवेदी, प्रतीक भूषण सिंह, विधान परिषद सदस्य अवधेश सिंह ‘मंजू’, जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम मिश्र, प्रमुख सचिव (वन-पर्यावरण) अनिल कुमार आदि मौजूद रहे।
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