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Jitin Prasad: 3 पीढ़ी और 60 साल के बाद जितिन प्रसाद ने बदली परिवार की सियासत

India News Editor • LAST UPDATED : September 26, 2021, 2:26 pm IST

इंडिया न्यूज, शाहजहांपुर:
Jitin Prasad: कई दिनों से चल रही यूपी सरकार में विस्तार की खबरों के बीच रविवार को इस पर विराम लग गया। रविवार को जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) समेत कई नेता योगी मंत्रिमंडल में शामिल हुए। रविवार की शाम शपथ लेने के बाद जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) यूपी मंत्रिमंडल में शामिल हो गए। आपको बता दें कि जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) कांग्रेस (Congress) छोड़कर कुछ माह पहले ही भाजपा (BJP) में शामिल हुए थे। पिछले वर्ष भी जितिन के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई गई थीं, लेकिन बाद में उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया था।

बावजूद इसके जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) ने कुछ महीने पहले ही भाजपा का दामन थामा तो सभी चौंक गए थे। जितिन प्रसाद सबसे पहले शाहजहांपुर से चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्हें कांग्रेस ने धौरहरा सीट से चुनाव लड़ाया था। जितिन प्रसाद धौरहरा, कस्ता, मोहम्मदी, महोली और हरगांव विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय रहते हैं। राजनीति के लिहाज से जितिन इन्हीं क्षेत्रो में काम करते रहे हैं। लेकिन ब्राह्मण होने के नाते उनके नाम का प्रभाव अवध के बड़े क्षेत्र और पूर्वांचल के कुछ क्षेत्रों पर भी है।

After the death of his father, Jitin Prasad took over the political legacy

2001 में जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) के पिता जीतेंद्र प्रसाद का निधन हो गया था। जीतेंद्र प्रसाद के निधन के वक्त जितिन प्रसाद पढ़ाई कर रहे थे। उस वक्त मां कांता प्रसाद ने लोकसभा का उपचुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गईं। 2001 के बाद पढ़ाई पूरी होने पर जितिन बैंक अफसर बन गए थे। पर परिवार की राजनीति विरासत चलाने के लिए वह 2001 में युवक कांग्रेस के सचिव बनाए गए। हालांकि वह पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुए थे।

2004 में लोकसभा का आमचुनाव आ गया। अब जितिन प्रसाद को चुनाव के लिए तैयार किया गया। पूरे शाहजहांपुर ने उन्हें सिर आंखों पर रखा और बम्पर वोटों से उन्हें जिताया। 2008 में जितिन का राजनीतिक कद बढ़ा और केंद्र सरकार में इस्पात राज्य मंत्री बनाया गया। इस दौरान जितिन प्रसाद ने अपने जिले के लोगों की खूब सेवा की।

Jitin Prasad Contested election from Dhaurahra on Congress ticket

2009 में शाहजहांपुर सीट का आरक्षण बदल गया। इसलिए उन्हें पड़ोसी खीरी जिले की धौरहरा सीट से कांग्रेस ने टिकट दिया। वह धौरहरा लोकसभा सीट से 1 लाख 84 हजार 509 वोटों से विजयी भी हुए। इस दौरान धौरहरा क्षेत्र में प्रमुख सड़कों का निर्माण करा कर जितिन प्रसाद ने जनता का दिल जीत लिया। उसी वक्त जितिन प्रसाद न मुफ्त गैस कनेक्शन दिलाने का अभियान भी चलाया। गरीबों के छप्परों की जगह टीन की चादरें डलवाईं।

चैरिटी के कई अस्पताल खुलवाए। शाहजहांपुर में भारती ग्रुप के कई स्कूल संचालित कराए। जितिन प्रसाद 2009 से जनवरी 2011 तक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, 19 जनवरी 2011- 28 अक्टूबर 2012 तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा 28 अक्टूबर 2012 – मई 2014 तक मानव संशाधन एवं विकास मंत्रालय, यूपीए सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री रहे। छोटों को प्यार और बड़ों को सम्मान देना उनके परिवार का हमेशा से संस्कार रहा, जिसे जितिन प्रसाद अब तक निभा भी रहे हैं।

 

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