By: Ajeet Singh
• LAST UPDATED : December 10, 2024, 2:12 pm ISTसंबंधित खबरें
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India News(इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh 2025: साल 2025 में लगने वाला महाकुंभ मेले को लेकर तैयारी लगातार चल रही है। इसी बीच महाकुम्भ के पूर्व कुम्भ नगरी प्रयागराज घाट के नजारे ने भी सभी को खुश कर दिया है। योगी सरकार ने बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर कुम्भ नगरी प्रयागराज के प्राचीन घाटों का पुनरुद्धार किया है। यह पुनरुद्धार कार्य पीएम मोदी के आगमन से पहले पूरा कर लिया जाएगा, ताकि महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक भव्य और आकर्षक दृश्य देखने को मिले। इस प्रयास से प्रयागराज के घाटों की सुंदरता और महत्व को और अधिक बढ़ाया जाएगा, जिससे कुम्भ मेले के आयोजन में एक नई चमक आएगी।
महाकुम्भ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की प्रमुख गतिविधियाँ गंगा और यमुना नदी के घाटों पर होती हैं, जहाँ श्रद्धालु इन पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं। इस संदर्भ में योगी सरकार ने इन घाटों का कायाकल्प किया है। प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राणा ने बताया कि इस कायाकल्प प्रोजेक्ट पर 11.01 करोड़ रुपये की लागत आई है, और यह कार्य अंतिम चरण में है। पीएम मोदी के आगमन से पहले, 11 दिसंबर तक यह कार्य पूरी तरह से पूरा हो जाएगा, ताकि महाकुम्भ के आयोजन के लिए इन घाटों को श्रद्धालुओं के लिए तैयार किया जा सके।
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जिन 7 प्रमुख घाटों का गंगा और यमुना नदी के लिए कायाकल्प किया जा रहा है, उनमें बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी, नागेश्वर घाट झूंसी, मौज गिरी घाट और पुराना अरैल घाट शामिल हैं। इन घाटों का सौंदर्यीकरण और कायाकल्प का कार्य अब तक पूरा किया जा चुका है। 11 दिसंबर तक सभी घाटों के फिनिशिंग कार्य भी समाप्त कर दिए जाएंगे, ताकि महाकुम्भ के समय श्रद्धालुओं को इन घाटों पर बेहतर सुविधा और सुंदर दृश्य का अनुभव हो सके।
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कुंभ मेला प्रशासन की धार्मिक संस्था महाकुंभ में आने वाले लोगों को वास्तुकला और संग्रहालय तक उच्च पहुंच उपलब्ध कराना है। ऐसे में घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। साथ ही इन घाटों को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए ग्रीन बेल्ट भी विकसित की गई है। इन घाटों पर काशी की छतरी, हाई मास्ट आदि की व्यवस्था की गई है। जहां एक तरफ स्वच्छ पानी के लिए आरओ का इस्तेमाल किया गया है, वहीं दूसरी तरफ मोबाइल टॉयलेट और चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है। इसी तरह बैठने के लिए बेंच की भी व्यवस्था है।
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