इंडिया न्यूज़, कानपुर।
सीएसए (CSA) के बीज विज्ञान (Seed Science) एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Technology Department) की ओर से एक दिवसीय बीज प्रौद्योगिकी द्वारा प्राकृतिक खेती में योगदान विषय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि निदेशक शोध डॉ. करम हुसैन ने कहा कि प्राकृतिक खेती (natural farming) का उद्देश्य किसान की आमदनी बढ़ाना और छोटी जोत के किसानों को रोजगार दिलाना है।
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इसका लाभ हर परिवार को स्वास्थ्यवर्धक भोजन के रूप में मिलेगा और पर्यावरण भी संतुलित रहेगा। इस खेती से भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती है और कचरे का उपयोग कर जैविक खाद बनाने से स्वच्छ भारत की परिकल्पना साकार होगी। डॉ. यूडी अवस्थी ने प्राकृतिक खेती से भूमि की उपजाऊ क्षमता के बारे में जानकारी दी।
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने जैविक कीटनाशकों से फसल को रोगमुक्त बनाने पर जानकारी दी। मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने प्राकृतिक खेती में वीजा अमृत, जीवामृत, नीमस्त्र आदि के बारे में बताया। 100 से अधिक प्रगतिशील किसान (progressive farmers) व महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
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