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India News (इंडिया न्यूज),Ram Mandir Saree: राम मंदिर थीम वाली बनारसी साड़ियों का क्रेज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बढ़ गया है। इन साड़ियों की डिमांड इटली, सिंगापुर सहित गुजरात, महाराष्ट्र, बैंगलोर और चेन्नई जैसे शहरों में भी है। काशी के बुनकर सर्वेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में 18 बुनकर काम कर रहे हैं। साड़ी पर पूरा काम हाथ से किया जाता है।
राम मंदिर पर बनी बनारसी साड़ियों की डिमांड अब विदेशों में भी हो रही है। खास उचंत बुनकरी की कला से तैयार ये साड़ियां इटली व सिंगापुर भेजी जा रही हैं। जब अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, तब इन साड़ियों की डिमांड और भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रहीं है।
लोहता कोरौता निवासी सर्वेश कुमार श्रीवास्तव खास उचंत बुनकरी कला से ये बनारसी साड़ियां तैयार कर रहे हैं। सर्वेश के अनुसार मौजूदा समय में इन साड़ियों की मांग बढ़ गई है। इटली, सिंगापुर के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, बैंगलोर और चेन्नई से खास ऑर्डर मिले हैं। हाल ही में उन्होंने राम मंदिर डिजाइन वाली साड़ी इटली भेजी है। इस बनारसी साड़ी के आंचल पर राम मंदिर वही बॉर्डर पर सरयू की डिजाइन बनाई गई है।
सर्वेश ने बताया कि प्योर रेशम से बनी साड़ी पर पूरा काम हाथ से किया गया है। हथकरघे पर ही पूरी साड़ी तैयार की जाती है। इसे तैयार करने में 2 महीने से ज्यादा का वक्त लगता है। 18 बुनकर मिलकर एक साड़ी तैयार करते हैं। एक साड़ी की कीमत 35 हजार रुपये है। साड़ी की तरह ही दुपट्टे भी बनाए हैं। दुपट्टे के दोनों किनारे उन्होंने राम मंदिर की डिजाइन बनाई। एक दुपट्टे की कीमत 50 हजार रुपये है। दुपट्टा तैयार करने में 3 महीने का समय लगता है।
साड़ी की डिजाइन तैयार करने वाली नेहा श्रीवास्तव ने बताया कि अयोध्या में राममंदिर के शिलान्यास के दौरान ही साड़ी पर इसे उतारने का आइडिया आया था। 15 दिन की कोशिशों के बाद डिजाइन तैयार की गई। कला विशेषज्ञों के मुताबिक उचंत बुनकरी कला रामायण काल की कला है। इसमें सुइयों के सहारे साड़ी की बुनाई की जाती है।
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