Violence Investigation
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली।
बहुचर्चित लखीमपुर खीरी हिंसा कांड की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे कि पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के पूर्व जज से करवाई जाए। इसके लिए शीर्ष अदालत ने जस्टिस रंजीत सिंह और राकेश कुमार के नाम सुझाए थे। मामला प्रदेश से जुड़ा होने के चलते इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश के बाहर के पूर्व जज को यह जांच सौंपने की बात सामने आ रही थी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि इस केस की जांच हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस की देखरेख में करवाने की व्यवस्था करें। ऐसे में अब लखीमपुर में घटित हुई हिंसा की जांच हरियाणा के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन की अध्यक्षता में होगी। शीर्ष अदालत का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए और निष्पक्ष जांच को पारदर्शी बनाए रखने के लिए यह नियुक्ति की गई है।
उत्तर प्रदेश में घटित हुई लखीमपुर खीरी हिंसा केस को लेकर शीर्ष कोर्ट ने गठित की गई एसआईटी में बदलाव करते हुए कहा है कि इस मामले की जांच में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का होना बहुत जरूरी है। ऐसे में अब पद्मजा चौहान, एसबी शिरोडकर समेत दीपिंदर सिंह भी एसआईटी का हिस्सा होंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम लखीमपुर खीरी में होना था। मंत्री के कार्यक्रम का विरोध करने के लिए किसान जमा होकर जा रहे थे कि राह चलते किसानों पर एक कार ने टक्कर मारते हुए चार किसानों को मार दिया था। सूत्रों के अनुसार घटना को अंजाम देने वाली कार केंद्रीय मंत्री अमित मिश्रा की थी और उसमें उनका बेटा सवार था। इस दौरान 4 किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।
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