India News (इंडिया न्यूज), Uniform Civil Code: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद अब इसके ‘लिव-इन’ संबंधों को लेकर विवाद तेज हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने इस प्रावधान का विरोध करते हुए 20 फरवरी को विधानसभा का घेराव करने की घोषणा की है। पार्टी का कहना है कि यूसीसी में लिव-इन संबंधों का प्रावधान राज्य की संस्कृति और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है।
उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लिव-इन संबंधों के जरिए समाज में अनैतिकता और व्याभिचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने भाजपा पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाते हुए कहा कि जो पार्टी खुद को धर्म और संस्कृति का रक्षक बताती है, वही अब ऐसे कानून लागू कर रही है जो समाज में असंतोष फैला सकते हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर जनता की राय लेने और इसे राष्ट्रपति को ज्ञापन के रूप में भेजने का फैसला किया है।
Uniform Civil Code
इस विरोध को जन आंदोलन में बदलने के लिए कांग्रेस ने जनमत संग्रह अभियान शुरू किया है। पार्टी ने इसके लिए एक विशेष फॉर्म तैयार किया है, जिसमें जनता अपनी राय दर्ज कर सकती है। इस राय को एकत्र कर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके अलावा, कांग्रेस ने ऑनलाइन फीडबैक के लिए एक लिंक भी जारी किया है, जिससे लोग डिजिटल माध्यम से भी अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
करन माहरा ने बताया कि इस प्रावधान के खिलाफ जनता को जागरूक करने के लिए राज्यभर में आंदोलन किया जाएगा। इसी कड़ी में 20 फरवरी को कांग्रेस कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करेंगे और सरकार से यूसीसी के ‘लिव-इन’ संबंधों वाले प्रावधान को हटाने की मांग करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस कानून में बदलाव नहीं किया गया, तो कांग्रेस इस मुद्दे को बड़े जनांदोलन में बदलेगी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने 27 जनवरी 2025 से राज्य में यूसीसी लागू किया है। इस संहिता में विवाह, तलाक और विरासत के नियमों में एकरूपता लाने के साथ-साथ ‘लिव-इन’ संबंधों के लिए पंजीकरण को भी अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार का तर्क है कि इससे लिव-इन में रह रहे जोड़ों के कानूनी अधिकारों की रक्षा होगी, लेकिन कांग्रेस इसे राज्य की सामाजिक व्यवस्था पर आघात बता रही है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस के इस आंदोलन का जनता पर कितना प्रभाव पड़ता है और सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।