संबंधित खबरें
मौलाना का गला रेतकर पाकिस्तानी सेना की चौकी पर लटकाया, PM Shehbaz को दे डाली खुली चुनौती, शिया-सुन्नी के बीच खूनी जंग में 150 लोगों का उठा जनाजा
नाटो ही नहीं धरती को कई बार तबाह कर सकते हैं इस देश के परमाणु बम…पीएम मोदी के खास मित्र का घूमा माथा तो खत्म हो जाएगी दुनिया
'धरती का भगवान' कैसे बना हैवान, 87 महिलाओं से रेप, मिले ऐसे अश्लील वीडियो, देखकर कांप गई पुलिसवालों की रूह
Netanyahu को इस 'विभीषण' ने दिया धोखा, होने वाला है शेख हसीना वाला कांड? जानें क्यों अपने लोग बन गए कट्टर दुश्मन
जंग के बीच यूक्रेन के हाथ लगा अनमोल खजाना, अब खुलेगा पुतिन के इस हथियार का भयावह राज, वजह जान पूरी दुनिया में मचा हाहाकार
Trump के सिर चढ़ गया सत्ता का पावर, खा जाएंगे इन लोगों की नौकरी, लीक हुए इस प्लान ने देश में मचाई हलचल
India News(इंडिया न्यूज),Tibet-Xizang Case: चीन के चालाकी से पूरी दुनिया वाकिफ है। जहां चीन अक्सर दुनिया के विभिन्न हिस्सों पर व्यापक नियंत्रण का दावा करता रहता है। विवाद के बाद अब देश का मीडिया तिब्बत को ‘ज़िजांग’ कहने लगा है। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, हाल ही में जारी किया गया एक श्वेत पत्र में, 2012 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ता संभालने के बाद से तिब्बत में विकास की रूपरेखा दी गई है। हलाकि यह पहली बार नहीं है कि, चीन ने तिब्बत पर श्वेत पत्र जारी किया है, लेकिन यह निश्चित रूप से पहली बार है जब उसने तिब्बत के अंग्रेजी अनुवाद के रूप में ‘Xizang’ का उपयोग किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि, चीन के एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘ज़िज़ांग’ ‘तिब्बत’ के लिए मंदारिन लिपि का पिनयिन या चीनी रोमानीकरण है। वहीं नवंबर के श्वेत पत्र के जारी होने के बाद से, कई आधिकारिक चीनी मीडिया रिपोर्टों में “ज़िज़ांग” ने बड़े पैमाने पर “तिब्बत” का स्थान ले लिया है, “तिब्बत” का उपयोग अब केवल कुछ परिदृश्यों में किया जाता है, जिसमें पहले से स्थापित भौगोलिक शब्दों और संस्थानों के नामों के अनुवाद शामिल हैं।
वहीं चीन के इस कदम के के बाद तिब्बती नाराज हो गए हैं और रविवार को निर्वासित तिब्बती सरकार के राष्ट्रपति ने चीन पर तिब्बत में लोगों को सबसे मौलिक मानवाधिकारों से वंचित करने और “तिब्बती पहचान को खत्म करने” का सख्ती से काम करने का आरोप लगाया। वहीं तेनपा त्सेरिंग ने चीन के श्वेत पत्र में तिब्बत को ‘ज़िजांग’ के रूप में संदर्भित करने पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) “एक एकल समुदाय के रूप में चीनी राष्ट्रीयता की मजबूत भावना पैदा कर रही है, चीनी भाषा को बढ़ावा दे रही है, तिब्बती का चीनीकरण कर रही है।” बौद्ध धर्म और विकासशील समाजवादी मूल्य”।
जानकारी के लिए बता दें कि, कई अधिकारी समूहों का कहना है कि, तिब्बतियों को केवल उनकी सांस्कृतिक पहचान और सबसे बुनियादी अधिकारों को संरक्षित करने के लिए चीनी शासन के तहत सताया जाता है। केवल दलाई लामा का जन्मदिन मनाने के लिए उन्हें जेल में डाला जा सकता है और यातना दी जा सकती है और उनके धर्म का पालन करने, यात्रा करने और स्वतंत्र रूप से बोलने की उनकी क्षमताओं पर भारी प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि, हाल ही में जिनेवा में आयोजित “यूएन फोरम ऑन माइनॉरिटी इश्यूज” में आईसीटी की प्रतिनिधि मेलानी ब्लोंडेल ने भेदभाव पर प्रकाश डाला। जिसमें ब्लोंडेल ने कहा, “चीन को तिब्बतियों को अपनी भूमि में दोयम दर्जे के नागरिकों की श्रेणी में रखना बंद करना चाहिए, और उन सभी नीतियों को तुरंत रद्द करना चाहिए जो तिब्बतियों के इनपुट को उन नीतियों पर रोकती हैं जो उनके दैनिक जीवन और एक विशिष्ट लोगों के रूप में उनकी पहचान को प्रभावित करती हैं।”
ये भी पढ़े
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.