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Farmers Concern Increased Despite Bumper Arrival Of Peanuts In The Market They Are Not Getting Proper Price
किसानों की चिंता बढ़ी, मंडी में मूंगफली बम्पर आवक के बावजूद नहीं मिल रहा है उचित भाव
India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan: दीपावली के बाद से बीकानेर की मंडी मूंगफली की आवक से गुलजार हो गई है। बता दें कि इसे एशिया की सबसे बड़ी मूंगफली मंडी के रूप में जाना जाता है। इन दिनों में मूंगफली की 70 हजार बोरी की आवक हो रही है, जो कि आने वाले दिनों में 1 […]
India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan: दीपावली के बाद से बीकानेर की मंडी मूंगफली की आवक से गुलजार हो गई है। बता दें कि इसे एशिया की सबसे बड़ी मूंगफली मंडी के रूप में जाना जाता है। इन दिनों में मूंगफली की 70 हजार बोरी की आवक हो रही है, जो कि आने वाले दिनों में 1 लाख बोरी से अधिक होने का अनुमान है। हर साल की तरह इस बार भी यहां मूंगफली की बम्पर आवक हो रही है लेकिन भावों में बनी कमी से किसानों के चेहरे की रौनक गायब हो गई है। बता दें कि समर्थन मूल्य और मंडी में मूंगफली के भावों में भारी अंतर देखने को मिल रहा है।
किसानों के चेहरों पर चिंता दिख रही हैं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीकानेर की मूंगफली मंडी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1 विशेष स्थान है, जहां से मूंगफली का निर्यात पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और चाइना सहित योरपीय देशों में किया जाता है। पिछले साल की तुलना में इस बार मूंगफली के भावों में लगभग 2 हजार रुपये की गिरावट आई है, जिससे किसान काफी हताश हैं। भावों में आई इस गिरावट के कारण मंडी के भाव और सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बीच लगभग 18 सौ रुपये का बड़ा अंतर देखने को मिला है। इससे किसानों को फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसानों के चेहरों पर चिंता दिख रही हैं।
मेहनत का उचित मूल्य भी मिल सके
आपको बता दें कि मंडी व्यापारी जयदयाल डूडी ने कहा कि इस बार की फसल से उन्हें जो उम्मीद थी, वह भावों में आई इस कमी के कारण पूरी होती नहीं दिख रही है। उन्होंने सरकार से बड़ी अपील की है कि वे मूंगफली के भाव स्थिर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं और एमएसपी के अंतर को भी कम करें। मंडी में मूंगफली की अधिक आवक और गिरते भाव किसानों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में भावों में स्थिरता आती है या नहीं, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य भी मिल सके।