Hindi News / Delhi / Jdus Crushing Defeat Against Aap In Delhis Burari Know Why Shailendra Kumar Had To Face Defeat

दिल्ली के बुराड़ी में AAP के सामने JDU की करारी हार, जाने शैलेंद्र कुमार को क्यों करना पड़ा हार का सामना?

India News (इंडिया न्यूज), JDU Candidate Shailendra Kumar Jha: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बीच नीतीश कुमार और चिराग पासवान की पार्टियों को जनता ने नकार दिया। एनडीए की सहयोगी जेडीयू और एलजेपीआर को मिली करारी हार ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के लिए बड़ा राजनीतिक संदेश दे दिया है। […]

BY: Harsh Srivastava • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), JDU Candidate Shailendra Kumar Jha: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बीच नीतीश कुमार और चिराग पासवान की पार्टियों को जनता ने नकार दिया। एनडीए की सहयोगी जेडीयू और एलजेपीआर को मिली करारी हार ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के लिए बड़ा राजनीतिक संदेश दे दिया है। सवाल उठता है— क्या दिल्ली की जनता को नीतीश पर भरोसा नहीं?

बुराड़ी में नीतीश का दांव फेल

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बिहार में अपनी पकड़ मजबूत रखने वाली जेडीयू ने बुराड़ी सीट से शैलेंद्र कुमार झा को उतारा, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) के संजीव झा के सामने टिक नहीं पाए। 20601 वोटों से मिली हार बताती है कि दिल्ली के पूर्वांचल वोटरों ने भी नीतीश के प्रत्याशी को नकार दिया। दिलचस्प बात यह है कि पिछले चुनाव में 88 हजार वोटों से हारने वाले शैलेंद्र कुमार झा ने इस बार 60 हजार वोट ज्यादा बटोरे, लेकिन बीजेपी की प्रचंड जीत की लहर में भी वे अपनी सीट नहीं निकाल सके।

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पूर्वांचल वोटरों ने नीतीश को क्यों ठुकराया?

बुराड़ी विधानसभा में पूर्वांचली वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं, यही वजह थी कि जेडीयू ने ब्राह्मण चेहरे शैलेंद्र कुमार झा पर दोबारा दांव लगाया। लेकिन ‘आप’ के संजीव झा पहले से ही इलाके में मजबूत पकड़ बनाए हुए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि नीतीश कुमार की दिल्ली में ब्रांड वैल्यू नहीं बन पाई, जबकि अरविंद केजरीवाल ने स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा ध्यान दिया। मुफ्त बिजली, पानी, मोहल्ला क्लीनिक और शिक्षा मॉडल ने दिल्ली के मतदाताओं को फिर से AAP की ओर मोड़ दिया।

नीतीश की दिल्ली में सियासी भविष्य खत्म?

बिहार में बीजेपी की सहयोगी होने के बावजूद, दिल्ली में जेडीयू और एलजेपीआर की हार यह दर्शाती है कि नीतीश कुमार की राजनीति दिल्ली के वोटरों को प्रभावित नहीं कर पा रही है। बिहार में नीतीश की पकड़ मजबूत हो सकती है, लेकिन दिल्ली में भाजपा के आगे जेडीयू और एलजेपीआर की स्थिति कमजोर होती जा रही है।

 

 

 

 

 

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