India News (इंडिया न्यूज), Chamoli Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली में भारत-चीन सीमा के पास 28 फरवरी, 2025 को हुए भीषण हिमस्खलन से भारी तबाही मच गई। हिमस्खलन में सीमा सड़क संगठन (BRO) के 54 मजदूर फंस गए थे, जिनमें से 8 मजदूरों की मौत हो चुकी है, जबकि बाकी को सुरक्षित बचा लिया गया है। बचाएं गए सभी घायलों को जोशीमठ के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका लगातार इलाज चल रहा है।
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Chamoli Glacier Burst
घायलों ने बताई आपबीती
मौके पर मौजूद लोगों का ने जानकारी देते हुए बताया कि 28 फरवरी की दोपहर अचानक हिमस्खलन हुआ, जिसमें मजदूरों के कंटेनर बह गए। हादसे में बचे विजय पांडे ने बताया कि हम कंटेनर में थे, तभी बर्फीला तूफान आया और कंटेनर बह गया। जब हमें होश आया तो हम बर्फ के नीचे दबे हुए थे। हमारे साथ 9 लोग थे, जिनमें से चार यहां भर्ती हैं। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि हमें संभलने का मौका ही नहीं मिला। हमारे कंटेनर पूरी तरह से नष्ट हो गए। तूफान इतना शक्तिशाली था कि हम कुछ समझ ही नहीं पाए।
हादसे की सूचना मिलते ही सेना, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें तुरंत मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू कर दिया। शुरुआती दौर में खराब मौसम की वजह से 60 घंटे तक चले राहत और बचाव कार्य में 200 से अधिक जवानों ने हिस्सा लिया। इस ऑपरेशन में सभी 54 मजदूरों सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन 8 लोगों की मौत हो गई।
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सरकार ने जताया दुख
तो वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह हादसा बेहद दर्दनाक है। प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।