Akshaya Navami Useful Remedies: हिंदू धर्म में वर्षभर आने वाली प्रत्येक तिथि और वार का विशेष महत्व माना गया है. शास्त्रों में बताया गया है कि कुछ तिथियां ऐसी होती हैं जिन पर किए गए पूजन और दान से पूरे वर्ष सौभाग्य और समृद्धि बनी रहती है. ऐसी ही एक तिथि है कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी, जिसे आंवला नवमी या अक्षय नवमी के नाम से जाना जाता है. यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन विशेष रूप से आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है.आंवला नवमी को ‘अक्षय नवमी’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन किया गया दान, जप और पूजा अक्षय फल (कभी न समाप्त होने वाला पुण्य) प्रदान करता है. इस दिन अगर आप ये 4 उपाय कर लेते है तो मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहेगी.
अक्षय नवमी के विशेष उपाय
1. लक्ष्मी-नारायण की कृपा पाने के लिए
आंवले के वृक्ष की कपूर और घी से आरती करें, 108 परिक्रमा करें और फिर वृक्ष के नीचे गरीबों को भोजन कराएं. इससे लक्ष्मी-नारायण की कृपा बनी रहती है और परिवार में उन्नति होती है.
2. धन और सुख-संपत्ति के लिए
एक पीला कपड़ा लें, उसमें चार आंवले (जो एक दिन पहले तोड़े गए हों) रखें. उस पोटली को तांबे या पीतल के पात्र में रखकर अपने शयनकक्ष की अलमारी में रखें. हर महीने की शुक्ल नवमी को यह आंवले बदलें. केवल पांच नवमियों तक यह उपाय करने से शुभ फल दिखने लगते हैं.
3. वैवाहिक जीवन में शांति के लिए
अगर पति-पत्नी के बीच मनमुटाव या कलह है, तो दोनों मिलकर तिल के तेल का दीपक जलाएं और उससे आंवले के वृक्ष की पूजा करें, दीपक में 5 कपूर डालें और उसे वृक्ष के नीचे रखकर घर लौट आएं. ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सौहार्द, प्रेम और स्थिरता आती है.
4. वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति के लिए
इस दिन अपने घर की उत्तर दिशा में आंवले का पौधा लगाना बेहद शुभ माना गया है. यदि यह दिशा संभव न हो, तो पूर्व दिशा में भी लगा सकते हैं. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वास्तु दोष समाप्त होता है.
आंवला नवमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि इस वर्ष 30 अक्टूबर 2025 को सुबह 10 बजकर 6 मिनट से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर 2025 को सुबह 10 बजकर 3 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि (सूर्योदय के आधार पर) के अनुसार आंवला नवमी 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी. इसी दिन भक्तजन आंवले के वृक्ष का पूजन कर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.