India News (इंडिया न्यूज),Gujarat News: गुरुवार को वाइब्रेंट गुजरात ग्लोब समिट 2024 के दूसरे दिन ‘बिल्डिंग वर्क फोर्स फॉर फ्यूचर डेवलपमेंट ऑफ स्किल्स फॉर इंडस्ट्रीज 4.0’ विषय पर आयोजित सेमिनार में भविष्य के लिए तैयार किए जाने वाले मैन पावर को पोषित करने की रणनीति एवं डिजिटल परिवर्तन युग में उद्योगों की मांग को पूरा करने पर विचार-विमर्श किया गया। गुजरात में प्रवर्तित शांति तथा सुरक्षा के कारण औद्योगिक पूंजी निवेशकों के लिए यह राज्य प्रिफर्ड डेस्टिनेशन बना है। इन उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए समय के साथ टेक्नोलॉजिकली अपडेटेड रहना जरूरी है।
गुजरात राज्य ने भविष्य की जरूरत को ध्यान में रख कर स्किल्ड मैनपावर तैयार करने की दिशा में मिशन मोड पर कार्य शुरू कर दिया है। 21वीं सदी में उद्योगों के समक्ष सर्वाधिक बड़ी चुनौती स्किल्ड मैनपावर की कमी है। आज के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक टेक्नोलॉजी, ऑटोमेशन तथा डेटा एनालिटिक्स जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के साथ स्किल्ड मैनपावर तैयार करना समय की मांग है।
भारत के उद्योगों के समक्ष वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहना एक चुनौती है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं में स्किल डेवलपमेंट विकास की दिशा में एक के बाद एक अनेक परिणामोन्मुखी कदम उठाए हैं।गुरुवार को आयोजित सेमिनार में केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि गुजरात जो आज सोचता है, उसका देश कल अनुकरण करता है।
देश के औद्योगिक विकास में गुजरात का महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में गुजरात ने उद्योगों को स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध कराने के लिए शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप आज देश में एक लाख से अधिक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। इन स्टार्टअप्स में से 100 से अधिक यूनीकॉर्न भी बन गए हैं।
प्रधान ने कहा कि आज भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष या उससे कम आयु की है। इस प्रकार भारत एक युवा देश है। 21वीं शताब्दी इंडस्ट्री 4.0 और कौशल्य की रहेगी। इसलिए देश के युवाओं को इंडस्ट्रीज 4.0 के लिए ‘स्किल इनेबल्ड’ करने पर बल दिया जा रहा है।
गुजरात के श्रम एवं रोजगार तथा उद्योग मंत्री बळवंतसिंह राजपूत ने कहा कि समय के साथ-साथ सामान्यत: औद्योगिक क्षेत्र की आवश्यकताओं में परिवर्तन आता है। आने वाले समय की औद्योगिक क्रांति के अनुरूप मैनपावर तैयार करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2009 में कौशल विकास मिशन प्रारंभ कराया था।
इस सेमिनार के अंतर्गत माइक्रोन, आर्सेलर मित्तल, एल एंड टी एज्यू टेक., आईबीएम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कावेस पाक, न्यू एज एजुकेशन एंड स्किल फाउंडेशन, बॉश इंडिया फाउंडेशन, थंडरबर्ड, स्किलमैन एजुकेशन, नेमसोल यूनिवर्सिटी, दक्षिण कोरिया, ईसीए ऑस्ट्रेलिया, इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंडस्ट्रियल, एनएसडीसी इंटरनेशनल लिमिटेड और शैल्बी अकादमी, शैल्बी लिमिटेड यूनिट और गुजरात सरकार की ओर से स्किल-द स्किल यूनिवर्सिटी और शिक्षा विभाग के बीच इंडस्ट्री 4.0 के लिए कुशल युवाओं को तैयार करने और रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कुल 14 MoU पर हस्ताक्षर किए गए।
आज कौशल्य-द स्किल यूनिवर्सिटी शुरू करने वाला गुजरात देश में प्रथम राज्य है। राज्य सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स तथा डिजिटल टेक्नोलॉजी के अनुरूप मैनपावर तैयार करने के लिए आईटीआई संस्थानों को सक्षम बनाया है। इस अवसर पर माइक्रोन सेमीकंडक्टर के वाइस प्रेसिडेंट हेम तकियार ने कहा कि इंडस्ट्रीज 4.0 का युग डेटा का युग है। 21वीं सदी में डेटा संवर्धन एक महत्वपूर्ण विषय होगा। ऐसे में हमें आज के डिजिटल युग की जरूरतों को पूरा करने के लिए कार्यबल को तैयार करने हेतु मिशन मोड पर काम करना होगा।
गुजरात के तकनीकी शिक्षा आयुक्त बंछानिधि पाणि ने कहा कि इंडस्ट्री 4.0 आज सभी क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है; चाहे वह हार्डवेयर हो, सॉफ्टवेयर हो या सेवा क्षेत्र हो। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कौशल निर्माण क्षेत्र भी इंडस्ट्री 4.0 के अनुकूल बने।
भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि इंडस्ट्री 4.0, इंडस्ट्री में युगांतकारी और नई नौकरियों के सृजन में योगदान देगा।
उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से टेक्नोलॉजी बदल रही है, उसे देखते हुए हमें इंडस्ट्री 4.0 को डेमोग्राफिक, डिमांड और डिसाइसिव सरकार से जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि आज का युग डिजिटल युग है और इसीलिए भारत सरकार डिजिटल इंडिया पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने स्किल इंडिया डिजिटल मोबाइल ऐप के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने कौशल विकास के क्षेत्र में सभी कौशल प्रशिक्षकों और हितधारकों को अपने विचार साझा करने और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम में गुजरात के श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री कुँवरजीभाई नरसिंहभाई हलपति, श्रम एवं रोजगार, ग्राम विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. अंजू शर्मा, रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग की निदेशक सुश्री गार्गी जैन सहित अन्य उद्योगपति एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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