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India News Bihar(इंडिया न्यूज़), Bihar News: बिहार के जमुई से एक अनोखा मामला सामने आया है । जहां एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। लेकिन उसके बाद भी वह जीवित करने की गुहार लगा रहा है. मृत व्यक्ति कह रहा है कि उसकी मौत नहीं हुई है और वह जीवित है, लेकिन कोई भी उसकी बात मानने को तैयार नहीं है। यह पढ़कर यह न सोचें कि यह कोई भूत-प्रेत का मामला है और न ही वह व्यक्ति वाकई में मरा है। लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उसे मृत घोषित कर दिया गया है. इसके बाद से वह व्यक्ति खुद को जीवित करने के लिए इधर-उधर भटक रहा है। मामला जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र का है, जहां प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक व्यक्ति को मृत घोषित करने का मामला सामने आया है।
जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले रविंद्र सिंह को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया. जब से रविंद्र सिंह को इस बात की जानकारी मिली है, तब से वह जीवित करने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए आवेदन किया था। लेकिन उनका आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया। जब उन्होंने आवेदन अस्वीकृत करने का कारण पूछा तो उन्हें बताया गया कि उनकी मृत्यु हो चुकी है। जिसके कारण उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता।
रविंद्र सिंह ने बताया कि उनका आवेदन पहले भी दो बार अस्वीकृत हो चुका है। उन्होंने इससे पहले भी दो बार वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन किया था। लेकिन दोनों बार उनका आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया था। लेकिन तब उन्हें कारण पता नहीं चल सका था। जब तीसरी बार उनका आवेदन अस्वीकृत हुआ तो वे प्रखंड कार्यालय गए और इस बारे में पता करने की कोशिश की। प्रखंड कार्यालय से जो बताया गया उसके बाद उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्हें बताया गया कि उनकी मृत्यु हो चुकी है और इस कारण उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता।
अब रविंद्र कुमार सिंह ने मामले में कार्रवाई करने की अपील की है। जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करने का यह मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। पूरे मामले पर प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदन कुमार चक्रवर्ती ने बताया कि कई बार केवाईसी नहीं करने के कारण ऐसा हो जाता है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी और जो गलती हुई है उसे सुधारा जाएगा। बहरहाल, जमुई जिले का यह अनोखा मामला अब चर्चा में है।
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