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(दिल्ली): बिहार सीएम नीतीश कुमार द्वारा विशेष राज्य का दर्जा की मांग पर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने निशाना साधा है। सुशील मोदी ने कहा है कई नीतीश का बार-बार विशेष राज्य की मांग करना अपनी विफलता पर पर्दा डालने की कोशिश करना है। ये बिहार सीएम की ‘थेथरोलॉजी’ है जिसके तहत वो अपनी नाकामियों को छुपाने का लगातार प्रयास करते रहते हैं।
सूमो ने सवालिया अंदाज में पूछा कि जब लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार केंद्र में ताकतवर मंत्री थे, तब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिला पाये? सुशील मोदी ने आगे कहा कि लालू प्रसाद तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लगवाने के लिए आधी रात के बाद राष्ट्रपति को जगा कर उनका हस्ताक्षर करवाने का सुपर शक्ति रखते थे। वे तेजस्वी यादव को बतायें कि विशेष दर्जा दिलाने में क्यों विफल रहे?
नीतीश कुमार पर बरसते हुए कुमार मोदी ने कहा कि ‘ नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार को 1.40 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज के रूप में जो सहायता दी, वह विशेष दर्जा से कहीं अधिक लाभकारी है। ये राज्य सरकार की असफलता है कि विशेष पैकेज की योजनाएं लागू करने के लिए जमीन नहीं उपलब्ध करा पाई। आज विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर बिहार की जनता का ध्यान भटकाने का काम रही है।
सुशील मोदी में आगे कहा कि नीतीश कुमार विशेष राज्य के मुद्दे का राजनीतिकरण कर विभिन्न समितियों की रिपोर्ट को झुठलाना चाहते हैं।उन्होंने नीतीश कुमार को याद दिलाया कि नीतीश की पहल पर ही तत्कालीन वित्त मंत्री चिदम्बरम ने विशेष राज्य के मुद्दे पर इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप बनाया था और रघुराम राजन कमेटी ने भी इस पर विचार किया था। ग्रुप और कमेटी, दोनों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग स्वीकार नहीं की थी ।
मोदी ने यह भी कहा कि 14 वें और 15 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट ने तो विशेष राज्य की अवधारणा को ही खारिज कर दिया। इन तथ्यों की अनदेखी कर नीतीश कुमार का बार-बार विशेष राज्य की मांग करना अपनी विफलता पर पर्दा डालने की ‘थेथरोलॉजी’ है।
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