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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत का GDP अनुमान घटाकर 8.2 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले जनवरी में IMF ने 9 प्रतिशत GDP ग्रोथ का अनुमान लगाया था। ग्रोथ अनुमान रूस-यूक्रेन जंग को देखते हुए घटाया गया है।
दरअसल, रूस-यूक्रेन जंग से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई है और ये घरेलू खपत और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट पर बुरा प्रभाव डालेगी। हालांकि IMF का मानना है कि साल 2022 में भारत दुनिया का तीसरी सबसे तेज ग्रोथ करने वाली अर्थव्यवस्था होगी। भारत का ग्रोथ रेट दर चीन के 4.4 फीसदी के ग्रोथ रेट की तुलना में करीब दोगुना होगा।
IMF की ओर से 19 अप्रैल को जारी सालाना ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक’ रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल जीडीपी की ग्रोथ रेट मौजूदा साल में 3.6 फीसदी रहने का अनुमान है। यह 2021 में जताए गए अनुमान 6.1 फीसदी से काफी कम है।
बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आईएमएफ ने भारत के ग्रोथ अनुमान को घटाया है लेकिन यह अनुमान अभी भी हमारी लोकल प्रोजेक्शन्स की तुलना में काफी ज्यादा है, क्योंकि रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) ने FY23 के लिए 7.2% GDP ग्रोथ रहने का अनुमान लगाया है।
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IMF की रिपार्ट के मुताबिक ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ रेट 2022 और 2023 में 3.6 फीसदी रहने का अनुमान है। यह जनवरी में जताए गए अनुमान से क्रमश: 0.8 फीसदी और 0.2 फीसदी कम है। ग्रोथ रेट अनुमान में कमी युद्ध का रूस और यूक्रेन के साथ दुनिया के अन्य देशों पर पड़ने वाले प्रभाव को बताता है। (IMF Cuts India GDP Growth Forecast)
IMF ने अपनी रिपार्ट में जापान समेत एशिया के लिए 2023 की आर्थिक ग्रोथ के अनुमान को 0.9 फीसदी जबकि भारत के मामले में 0.8 फीसदी कम किया है। यह कमजोर घरेलू मांग को बताता है क्योंकि तेल के ऊंचे दाम से निजी खपत और निवेश पर विपरीत असर पड़ने की आशंका है।
रिपोर्ट में अमेरिका की ग्रोथ रेट 2022 में 3.7 फीसदी और 2023 में 2.3 फीसदी रहने की संभावना जताई गई है। जबकि साल 2021 में अमेरिकी की इकोनॉमी ग्रोथ रेट 5.7 फीसदी थी। वहीं चीन का आर्थिक ग्रोथ रेट 2022 में 4.4 फीसदी और 2023 में 5.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। चीन की जीडीपी ग्रोथ रेट 2021 में 8.1 फीसदी रही।
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