India News (इंडिया न्यूज), CG News: बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश में मेडिकल स्नातकोत्तर (पीजी) में प्रवेश की प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने मेडिकल पीजी में नए सिरे से प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने और इसका लाभ सभी योग्य उम्मीदवारों को देने का आदेश दिया है।
बताया गया है कि, मेडिकल पीजी में प्रवेश को लेकर डॉ. यशवंत राव और डॉ. पी. राजशेखर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में बताया कि वे सेवारत डॉक्टर हैं और 2024 की प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल की है। नियमों के अनुसार, सेवारत श्रेणी के तहत पात्रता के लिए उम्मीदवार को 31 जनवरी 2024 तक कम से कम तीन वर्षों की सेवा पूरी करनी जरूरी है।
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ऐसे में काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान कई अपात्र उम्मीदवारों को गलत तरीके से सेवारत श्रेणी में शामिल कर लिया गया। दूसरी तरफ, याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने सेवा अवधि की गणना कट ऑफ तारीख के बाद तक बढ़ा दी। इससे ऐसे उम्मीदवारों को भी सेवारत श्रेणी में शामिल कर लिया गया, जो इस श्रेणी में आने के पात्र नहीं थे। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा।
फिलहाल इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई। प्रारंभिक सुनवाई में ही कोर्ट ने पाया कि नियमों की अनदेखी कर कुछ निजी उम्मीदवारों को कट ऑफ तारीख के बाद सीट आवंटित की गई थी। इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए मेडिकल पीजी की प्रवेश प्रक्रिया को रद्द कर दिया और नए सिरे से पारदर्शी तरीके से प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया।