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Effects Of Pandemic पिछले दो साल से कोरोना महामारी दुनिया को हलकान कर रखा है। अब ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण दुनिया खौफ में है। जैसे ही लगता है कि अब कोरोना जाने वाला है, वैसे ही कोई न कोई नया वेरिएंट तबाही मचाने के लिए सामने आ जाता है। महामारी ने एक तरह से दुनिया को थाम कर रख दिया। कई काम रुके हुए हैं। कई काम हो ही नहीं रहे हैं। इस बीच महिलाएं सबसे ज्यादा डरी हुई हैं।
एक अध्ययन में कहा गया है कि महिलाओं को महामारी का इस कदर खौफ हो गया है कि वे अब मां बनने की अपनी इच्छा को टालने लगी है। उन्हें डर है कि डिलीवरी के वक्त अस्पताल में उन्हें जोखिमों का सामना न करना पड़े। यही कारण है कि महिलाएं कंसीव करने में हिचकिचा रही हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि मां बनने योग्य आधी से ज्यादा महिलाएं अपना परिवार बढ़ाने से पहले दो बार सोचती हैं। अध्ययन में पाया गया कि कोरोना महामारी से पहले न्यूयॉर्क की आधी महिलाएं जो मां बनने के बारे में सोच रही थीं, महामारी के बाद अब इस विचार को स्थगित कर दिया है। यह अध्ययन जामा नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में न्यूयॉर्क की 1179 मां बन चुकीं महिलाओं को शामिल किया। अध्ययन में शामिल एक तिहाई महिलाएं महामारी से पहले मां बनने के बारे गंभीरता से सोच रही थीं, लेकिन महामारी के बाद अब वह इस विषय पर सोचती भी नहीं है।
अध्ययन की लेखक लिंडा काह्न ने कहा कि अध्ययन से यह साबित हुआ है कि कोरोना आने के बाद महिलाएं अपना परिवार बढ़ाने से पहले दो बार सोचती हैं। कुछ मामलों में बच्चों की संख्या निश्चित रूप से कम होने वाली है, क्योंकि महामारी से पहले इन महिलाओं ने प्रेग्नेंट होने के बारे में फैसला कर लिया था, लेकिन अब तक वह प्रेग्नेंट नहीं हो सकी है।
काह्न ने कहा कि यह इस बात के उदाहरण हैं कि कोरोना का परिवार पर लंबे समय तक असर रहेगा। इससे हेल्थ और आर्थिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ने वाला है। शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रेग्नेंसी आजकल ज्यादा जोखिम भरा हो गया है।
अगर इसमें देरी होती है, तो निश्चित रूप से इसका असर महिलाओं की हेल्थ पर पड़ेगा। यह महिला और नवजात दोनों के लिए जोखिम भरा काम होगा। उन्होंने कहा कि इससे फर्टिलिटी इलाज कराना होगा, जो काफी खर्चीला होता है। इन सब के कारण आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ने वाला है।
(Effects Of Pandemic)
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